- भारत ने शुक्रवार को कहा कि अफगानिस्तान का अतीत उसका भविष्य नहीं हो सकता और क्षेत्र में आतंकवादियों की पनाहगाह को फौरन नष्ट किया जाए तथा आतंकवादियों की आपूर्ति श्रृंखला बाधित की जाए। साथ ही, भारत ने जोर देते हुए कहा कि अब वक्त आ गया है कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) हिंसा पर फौरन रोक लगाने के लिए कार्रवाई करने के बारे में फैसला करे।
संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि टी एस तिरुमूर्ति ने अफगानिस्तान पर सुरक्षा परिषद की बैठक में कहा, ”अफगानिस्तान का पड़ोसी होने के नाते वहां की मौजूदा स्थिति हमारे लिए बड़ी चिंता का विषय है। हिंसा कम होने का संकेत नहीं दिख रहा है।” भारत की मौजूदा अध्यक्षता के तहत यूएनएससी ने अफगानिस्तान में स्थिति पर चर्चा करने के लिए एक बैठक की। वहां से अमेरिकी सैनिकों को हटाये जाने के बाद युद्धग्रस्त देश में तालिबान के बढ़ते हमलों के बीच यह बैठक की गई।
सुरक्षा परिषद के अध्यक्ष तिरुमूर्ति ने अपनी राष्ट्रीय क्षमता में कहा कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय समय को पीछे ले जाने को वहन नहीं कर सकता। उन्होंने कहा, ”अफगानिस्तान का भविष्य उसका अतीत नहीं हो सकता। ” उन्होंने परोक्ष रूप से पाकिस्तान का जिक्र करते हुए अफगानिस्तान में शांति बहाल करने के लिए क्षेत्र में आतंकवादियों की पनाहगाहों को फौरन नष्ट किये जाने और आतंकवादियों की आपूर्ति श्रृंखला बाधित करने पर जोर दिया।
तिरूमूर्ति ने कहा, ”यह सुनिश्चित करने की जरूरत है कि अफगानिस्तान के पड़ोसी देश और क्षेत्र को आतंकवाद, अलगाववाद और चरमपंथ से खतरा नहीं हो। आतंकवाद के सभी स्वरूपों को कतई बर्दाश्त नहीं करने की जरूरत है। ”उन्होंने कहा, ”यह सुनिश्चित करना भी समान रूप से जरूरी है कि अफगानिस्तान के भू-भाग का इस्तेमाल आतंकवादी समूह किसी अन्य देश पर हमले के लिए नहीं कर पाएं। आतंकवादी संगठनों को सामग्री से एवं वित्तीय मदद करने वालों को अवश्य ही जवाबदेह ठहराने की जरूरत है।”