- कांग्रेस नेता राहुल गांधी और नवजोत सिंह सिद्धू के बीच हुई बातचीत के बाद कयास लगाए जा रहे हैं कि पंजाब कांग्रेस का विवाद इसी हफ्ते सुलझ सकता है। कैप्टन अमरिंदर सिंह कांग्रेस हाईकमान से भी मिलकर बातचीत कर सकते हैं। न्यूज एजेंसी ANI के अनुसार कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी की मध्यस्था के बाद राहुल और सिद्धू के बीच मुलाकात हुई थी। लगभग 45 मिनट तक चली इस मुलाकात के बाद ही कांग्रेस में सब कुछ ठीक होने की उम्मीद है। हालांकि कांग्रेस सिद्धू को कोई बड़ी जिम्मेदारी दे सकती है और कैप्टन इसके पक्ष में नहीं हैं।
पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने अपने विधायकों को भी आज लंच पर बुलाया है। इसके जरिए वो यह जानना चाहते हैं कि अगर कांग्रेस सिद्धू को कोई बड़ी जिम्मेदारी देती है तो कौन-कौन से नेता उनके समर्थन में आ सकते हैं। हालांकि, कांग्रेस के विधायक सिद्धू को कैप्टन अमरिंदर के विकल्प के रूप में नहीं देखते हैं। ऐसे में मुश्किल है कि विधायक कैप्टन अमरिंदर के खिलाफ जाकर सिद्धू का समर्थन करें। अगर ऐसा होता है तो कांग्रेस हाईकमान के सामने यह चुनौती होगी कि असम और मध्यप्रदेश की तरह पंजाब की सरकार न जानें दें।
लंबे समय से कैप्टन अमरिंदर पर सियासी हमले कर रहे हैं सिद्धू
कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू लंबे समय से कैप्टन अमरिंदर के खिलाफ मोर्चा खोले हुए हैं। उन्होंने कई मुद्दों पर कैप्टन अमरिंदर सिंह का घेराव किया था। कांग्रेस ने अमरिंदर से कहा है कि तय समय के अंदर इन मुद्दों का समाधान निकालें। कांग्रेस पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व की ओर से कुछ दिनों पहले पंजाब के विवाद को सुलझाने के लिए एक कमेटी बनाई गई थी, जिसके समक्ष कैप्टन अमरिंदर सिंह और सिद्धू समेत अन्य नेताओं ने अपना पक्ष रखा था। यहां अगले साल चुनाव होने हैं। इस वजह से पार्टी की हाईकमान भी जल्द से जल्द इस विवाद को सुलझाना चाहती है।
कैप्टन अमरिंद भी सुलह के पक्ष में
पंजाब में अगले साल चुनाव हैं। इसी वजह से यहां के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंद सिंह भी पार्टी के कद्दावर नेता नवजोत सिंह सिद्धू से कोई अनबन नहीं चाहते हैं। अगर पार्टी एकजुट होकर यह चुनाव नहीं लड़ी तो यहां भी कांग्रेस को अपनी सत्ता गंवानी पड़ सकती है। यह बात कैप्टन को भी भली भांति पता है। इसी वजह से वो सिद्धू के मामले को जल्द से जल्द निपटाना चाहते हैं। हालांकि वो साथ में यह भी चाहते हैं कि सिद्धू को कोई बड़ी जिम्मेदारी न दी जाए।