- मुंबईः एंटीलिया कांड और मनसुख हिरेन हत्या की जांच कर रही एनआईए ने आज मुंबई पुलिस के इंस्पेक्टर सुनील माने को गिरफ्तार किया. आरोप है कि सुनील माने ने सबूतों को मिटाने की कोशिश की थी. इसके साथ ही मनसुख पर दबाव डालने का भी आरोप उन पर था.
आपको बता दें, सुनील माने मुम्बई क्राइम ब्रांच की कांदिवली यूनिट यानी कि यूनिट नंबर 11 के इंचार्ज थे, इस मामले के सामने आने के बाद ही उनका ट्रांसफर लोकल आर्म्स विभाग में कर दिया गया था. सूत्रों ने बताया कि इंस्पेक्टर सुनील माने 2, 3 और 4 मार्च को मुंबई कमिश्नर ऑफिस के कंपाउंड में स्थित सीआईयू कार्यालय गया था. 3 मार्च के दिन सुनील माने भी सीआईयू में उस मीटिंग में था, जब मनसुख हिरण वहां बुलाया गया था. एनआईए को अपने जवाब में सुनील माने ने अपनी सफाई में बताया था कि वो उस समय कमिश्नर ऑफिस अपने पर्सनल बंदूक का लाइसेंस बनवाने गया था, उसे दो बंदूक के लिए लाइसेंस चाहिए था.
माने ने अपनी सफाई में बताया था कि 3 मार्च के दिन वो सीआईयू सिर्फ इसलिए गया था ताकि वो अपनी गन (बंदूक) का लाइसेंस रिन्यू करवा सके.
माने ने खुद पर लगे आरोपों को बताया था गलत
सुनील माने ने गिरफ्तारी से पहले एपीबी न्यूज से ऑफ रिकॉर्ड बातचीत में उन पर लगे आरोपों को गलत बताया था और कहा था कि वो एनआईए की जांच में सहयोग कर रहे हैं. जब महाराष्ट्र एटीएस ने सुनील माने को बुलाया था, तब सुनील माने ने बताया था कि उनकी यूनिट का नाम लिया गया था. इस वजह से एटीएस उन्हें यह जानने के लिए बुलाई थी कि उनके यहां कौन कौन काम करता है.उस समय सुनील माने ने वो लिस्ट एटीएस को दी थी.