- पुणेः राकांपा प्रमुख शरद पवार ने दावा किया कि इस हफ्ते की शुरुआत में आठ विपक्षी दलों की, जो बैठक उनकी मेजबानी में हुई थी, उसका विषय राष्ट्रीय गठबंधन बनाना नहीं था।
शरद पवार ने यह भी कहा कि यदि ऐसा कोई गठबंधन बनता भी है, तो उसका नेतृत्व ”सामूहिक” होना चाहिए। उन्होंने कहा कि मंगलवार को उनके दिल्ली स्थित आवास पर बैठक का उद्देश्य इस बात पर चर्चा करना था कि वे किसानों के चल रहे आंदोलन का समर्थन कैसे कर सकते हैं।
अटकलें लगाई जा रही थीं कि बैठक का एजेंडा, जिसमें कांग्रेस का कोई नेता मौजूद नहीं था, एक संभावित गठबंधन पर चर्चा करना था जो भाजपा का विकल्प हो सकता है। पवार ने कहा, ”अभी दिल्ली की सीमाओं पर किसान प्रदर्शन कर रहे हैं।
किसानों की किस तरह मदद कर सकते हैं
प्रदर्शन राजनीतिक नहीं है हालांकि हमने सोचा कि चूंकि यह कृषि से संबंधित है तो हम उन्हें किस तरीके से समर्थन दे सकते हैं। इसका उद्देश्य एक साथ आकर यह विचार विमर्श करना था कि हम संसद में मुद्दे को उठाकर और केंद्र को सुझाव देकर किसानों की किस तरह मदद कर सकते हैं।”
राकांपा प्रमुख ने बताया कि यह सोचा गया कि श्वेत पत्र लाया जाए और कृषि क्षेत्र से जुड़े मुद्दों को केंद्र सरकार के समक्ष रखा जाए। जब उनसे पूछा गया कि भाजपा के खिलाफ भविष्य में बनने वाले किसी भी गठबंधन का क्या स्वरूप होगा और उसमें कांग्रेस का क्या स्थान होगा तो इस पर पवार ने कहा, ”इस बारे में कोई चर्चा नहीं हुई।
नेतृत्व सामूहिक होना चाहिएः पवार
हालांकि मेरा विचार है कि यदि कोई वैकल्पिक गठबंधन बनता है, तो कांग्रेस को साथ लेना होगा। मैंने बैठक में भी यही बात कही।” ऐसा गठबंधन, जिसका कि कांग्रेस हिस्सा होगी, उसके प्रधानमंत्री पद के चेहरे के बारे में सवाल पूछे जाने पर उन्होंने दोहराया कि इस मुद्दे पर कोई चर्चा नहीं हुई। पवार ने कहा, ”लेकिन मेरा विचार है कि नेतृत्व सामूहिक होना चाहिए। इसे ध्यान में रखते हुए ही हमें आगे बढ़ना होगा।”