न्यायिक हिरासत में चल रहे राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता नवाब मलिक की कुछ संपत्तियां अस्थायी रूप से जब्त करने की विशेष पीएमएलए कोर्ट ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को इजाजत दे दी है। मलिक को ईडी ने फरवरी में गिरफ्तार किया था। महाराष्ट्र की महाविकास आघाड़ी सरकार में अल्पसंख्यक विकास मंत्री रहे नवाब मलिक पर भगोड़े अंडरवर्ल्ड सरगना दाऊद इब्राहिम की बहन हसीना पारकर एवं मुंबई विस्फोट कांड के एक आरोपी सलीम पटेल के साथ मिलकर कुर्ला के गोवावाला कंपाउंड में तीन एकड़ भूखंड कब्जा करने का आरोप है। यह कंपाउंड मुनीरा प्लंबर नामक महिला के नाम पर था। प्लंबर ने इस प्लाट की पावर आफ एटार्नी सलीम पटेल के नाम कर दी थी ताकि वह इस भूखंड पर हो गए अवैध कब्जों को हटवा सके। लेकिन पटेल ने पावर आफ अटार्नी लेने के बाद मुनीरा प्लंबर की मदद करने के बजाय दाऊद की बहन एवं नवाब मलिक के साथ मिलकर उसके भूखंड पर ही कब्जा कर लिया था। हसीना पारकर के इशारे पर पटेल ने यह भूखंड कुर्ला के ही रहनेवाले नवाब मलिक की कंपनी सालिडस इन्वेस्टमेंट्स प्रा.लि. को बहुत कम कीमत पर बेच दी थी। इस सौदे में ईडी ने पिछले वर्ष ही मनी लांड्रिंग की जांच शुरू कर दी थी और इस वर्ष 13 फरवरी को लंबी पूछताछ के बाद नवाब मलिक को गिरफ्तार कर लिया गया था। तब से मलिक न्यायिक हिरासत में हैं और एक प्राइवेट अस्पताल में अपना इलाज करवा रहे हैं। गिरफ्तारी के बाद इसी वर्ष अप्रैल में ईडी ने उनकी कुछ संपत्तियां अस्थायी रूप से जब्त कर ली थीं। अब पीएमएलए कोर्ट ने मलिक की कुछ और संपत्तियों को अस्थायी रूप से जब्त करने की अनुमति ईडी को दे दी है।