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कृषि उत्पादन को लेकर चिंता बरकरार, वित्त मंत्रालय ने कहा- विकास दर और मुद्रास्फीति पर हो सकता है असर


नई दिल्ली, । वित्त मंत्रालय ने मार्च की अपनी आर्थिक समीक्षा रिपोर्ट में संभावित जोखिमों के प्रति सतर्क रहने की चेतावनी दी है। आज जारी हुई इस रिपोर्ट में कम कृषि उत्पादन, ऊंची कीमतों और भू-राजनीतिक घटनाक्रमों के संभावित जोखिमों के प्रति सतर्क रहने की बात कही गई है।

वित्त मंत्रालय ने रिपोर्ट में कहा कि चालू वित्त वर्ष के लिए 6.5 प्रतिशत की ग्रोथ प्रोजेक्शन का अनुमान विश्व बैंक और एशियन डेवलपमेंट बैंक (ADB) के अनुमानों के अनुरूप है। हालांकि, रिपोर्ट में वित्त मंत्रालय ने माना कि वर्तमान में कुछ ऐसे कारक मौजूद हैं, जो अनुमानित विकास और मुद्रास्फीति के परिणामों के अनुकूल संयोजन को प्रभावित कर सकते हैं।

कोविड महामारी के बावजूद मजबूत रही अर्थव्यवस्था

वित्त मंत्रालय ने अपने रिपोर्ट में कहा है कि वित्त वर्ष 23 में कोविड महामारी में बढ़ी वैश्विक आर्थिक अनिश्चितता और भू-राजनीतिक संघर्ष के बावजूद भारत की अर्थव्यवस्था मजबूत रही है। देश के चालू खाते के घाटे में सुधार, मुद्रास्फीति के दबाव में कमी और नीतिगत दरों में वृद्धि से बचने के लिए पर्याप्त मजबूत बैंकिंग प्रणाली से बढ़ती व्यापक आर्थिक स्थिरता ने विकास दर को और अधिक टिकाऊ बनाया है।

 

मार्च में कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स (सीपीआई) सबसे कमजोर

रिपोर्ट के मुताबिक, मार्च 2023 में कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स (सीपीआई) की अनुक्रमिक वृद्धि जून 2022 के बाद से सबसे कमजोर है और उपभोक्ता वस्तुओं की कीमतों में गिरावट वाली डब्ल्यूपीआई मुद्रास्फीति के पास-थ्रू की शुरुआत को जिम्मेदार ठहराया जा सकता है।

 

वित्त वर्ष 22 में औसतन 5.5 प्रतिशत सीपीआई वित्त वर्ष 23 में 6.7 प्रतिशत हो गया है।  सीपीआई वित्त वर्ष 23 की दूसरी छमाही में पहली छमाही में 7.2 प्रतिशत की तुलना में 6.1 प्रतिशत कम था।

विदेशी मुद्रा भंडार में बढ़ोतरी

रिपोर्ट के मुताबिक, देश के चालू खाता घाटा (सीएडी) की कमी, विदेशी पोर्टफोलियो निवेश (एफपीआई) के बढ़ते प्रवाह के परिणामस्वरूप तीसरी तिमाही के अंत तक देश विदेशी मुद्रा भंडार में वृद्धि हुई है।