- नई दिल्लीः फुटकर विक्रेताओं के संघ सीएआईटी ने विदेशी ई-कॉमर्स कंपनियों के खिलाफ वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल से शिकायत की है जिसमें कहा गया है कि ये कंपनियां गैर-आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति करने और छोटे कारोबारियों की लागत पर अनुचित रूप से बाजार हथियाने के लिए लॉकडाऊन मानदंडों की धज्जियां उड़ा रही हैं।
गोयल को दो पन्नों के पत्र में, कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के राष्ट्रीय महासचिव प्रवीण खंडेलवाल ने आरोप लगाया कि अमेज़न और वॉलमार्ट के स्वामित्व वाली फ्लिपकार्ट, लॉकडाउन के दौरान, मोबाइल फोन, रसोई उपकरणों, इलेक्ट्रानिक्स जैसे गैर-जरूरी सामानों की आपूर्ति करके ‘नाजायज वित्तीय लाभ’ कमा रही हैं। अमेज़न और फ्लिपकार्ट ने सीएआईटी के आरोपों पर तुरंत कोई टिप्पणी नहीं की।
कोविड संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए देश के कई हिस्सों में लगाए गए स्थानीय लॉकडाउन में केवल आवश्यक वस्तुओं के वितरण की छूट है। रेड सीर कंसल्टेंसी का हवाला देते हुए, सीएआईटी ने कहा कि ई-कॉमर्स इंडस्ट्री ने वर्ष 2020 में 8.3 अरब डॉलर से अधिक की बिक्री की, जबकि उससे पिछले वर्ष यह बिक्री पांच अरब डालर की हुई थी। इसने कहा, ”इन विदेशी ई-कॉमर्स संस्थाओं को भारत के छोटे और मध्यम किराना स्टोरों की लागत एवं जिन्दगी के मूल्य पर बाजार हिस्सेदारी हासिल करने से रोकना महत्वपूर्ण है क्योंकि पिछले कई वर्षों के दौरान किराना स्टोरों ने उद्योग की रीढ़ की भूमिका निभायी है।”