वाराणसी, । उत्तर प्रदेश के वाराणसी में इन दिनों काफी हलचल है। ज्ञानवापी परिसर में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण का सर्वे जारी है। शुक्रवार को शुरू हुआ सर्वे अब शनिवार को भी जारी रहा।। शनिवार को एक बार फिर से एएसआई की टीम सर्वे के लिए पहुंची औक सुबह नौ बजे सर्वे शुरू हो गया है।
हिंदू पक्ष के वकील सुधीर त्रिपाठी ने बताया कि सर्वेक्षण आज सुबह 9 बजे शुरू हो गया है। सर्वेक्षण का दूसरा दिन है। हम चाहते हैं कि लोग सर्वेक्षण में सहयोग करें और इसे जल्द से जल्द पूरा करें। हम पूर्ण सहयोग और भागीदारी दिखा रहे हैं। वे सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर आए हैं। हम चाहते हैं कि मामला जल्द सुलझ जाए। वकील ने साफ कहा कि सर्वेक्षण से सब कुछ स्पष्ट हो जाएगा।
सच सामने आना चाहिए: निरहुआ
वाराणसी में ज्ञानवापी मस्जिद परिसर के एएसआई सर्वे पर बीजेपी सांसद दिनेश लाल यादव ‘निरहुआ’ ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। निरहुआ ने कहा कि यह कानूनी प्रक्रिया है…किसी भी चीज पर आरोप होता है तो उसकी जांच होती है और जो सच होता है वो सामने आता है।
सर्वे को लेकर कोर्ट के आदेश पर दिनेश लाल यादव ‘निरहुआ’ ने कहा कि किसी भी चीज पर अगर आरोप लगता है, अब वो चाहे मंदिर हो या मस्जिद हो उसका जांच होना चाहिए। सच सामने आना चाहिए। उन्होंने कहा कि कोई इस सर्वे का विरोध नहीं कर रहा है, सब सहयोग कर रहे हैं।
एएसआई सर्वेक्षण से हैं संतुष्ट: वकील मुमताज अहमद
वाराणसी में ज्ञानवापी परिसर के एएसआई सर्वेक्षण पर मुस्लिम पक्ष के वकील मुमताज अहमद ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। वकील मुमताज अहमद ने कहा कि हम एएसआई सर्वेक्षण से संतुष्ट हैं… कल तक, हम भाग नहीं ले रहे थे लेकिन आज हम भाग ले रहे हैं और एएसआई टीम की सहायता कर रहे हैं।
कल का दिन रहा खास
गौरतलब है कि इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश के बाद शुक्रवार को एएसआई की टीम सर्वे के लिए ज्ञानवापी पहुंची। कल का दिन काफी खास रहा। वाराणसी में हाई अलर्ट के बीच शुक्रवार को पहले दिन का सर्वे पूरा हुआ। कल इस मामले में मुस्लिम पक्ष को सुप्रीम कोर्ट से भी बड़ा झटका लगा। सुप्रीम कोर्ट ने मुस्लिम पक्ष की दलील खारिज कर दी। इसके साथ ही एएसआई सर्वे को हरी झंडी दिखा दी। सुप्रीम कोर्ट और इलाहाबाद हाईकोर्ट की हरी झंडी के बाद मिलने के साथ ही ज्ञानवापी में एएसआई का सर्वे जारी है।
एएसआई की चार टीमों ने किया सर्वे
एएसआई ने सर्वे के लिए चार टीमें बनाई थीं। दो टीमों ने परिसर की पश्चिमी दीवार की जांच शुरू की। एक टीम को पूर्वी दीवार, दूसरी को उत्तरी दीवार व उससे जुड़े क्षेत्रों में जांच के लिए लगाया गया। टीम ने इन दीवारों के साथ ही इमारत की बाहरी दीवारों के आसपास जीपीआर का उपयोग किया। प्रयास यह जानने का था कि बाहरी क्षेत्र में भी तहखाने हैं या ठोस जमीन है।
हाथ में लिए गए जीपीआर को जमीन पर इधर-उधर घुमाकर विशेषज्ञ मशीन से मिल रही जानकारी दर्ज कर रहे थे। शाम पांच बजे सर्वे रोक दिया गया। 33 सदस्यीय टीम का नेतृत्व एएसआई के अतिरिक्त महानिदेशक एडीजी आलोक त्रिपाठी ने किया। टीम में नापजोख विशेषज्ञ व जीपीआर हैंडलर अधिक हैं। 24 जुलाई को हुए सर्वे में यह संख्या 43 थी।
महत्वपूर्ण है ज्ञानवापी की पश्चिमी दीवार
ज्ञानवापी की पश्चिमी दीवार और इस पर मिली आकृतियां किसी दृष्टि से वर्तमान इमारत की बनावट से मेल नहीं खातीं। दीवार हिंदू मंदिरों में मिलने वाली कलाकृतियों की भरमार है। हाथी के सूंड नुमा आकृति का चिह्न मिला है। इस पर बनी नक्काशी, स्वास्तिक, कलशफूल, कमल के फूल आदि की आकृतियां भी हैं। मंदिर पक्ष के अनुसार पश्चिमी दीवार को मां शृंगार गौरी के मंदिर का प्रवेश द्वार है।
पहले दिन के सर्वे में मिले ये साक्ष्य
एएसआई टीम सर्वे के लिए ज्ञानवापी परिसर में खनन के औजार नहीं ले गई। टीम का सबसे ज्यादा ध्यान पश्चिमी दीवार पर रहा। दो टीमों ने दीवार पर मौजूद हर आकृति की बनावट आदि की जानकारी दर्ज की। पूरी कार्यवाही की वीडियोग्राफी व फोटोग्राफी भी की गई। दीवार के आसपास की जमीन पर घास को अपने हाथों से उखाड़ा। इसके बाद जितनी दीवार नजर आई, उस पर बनीं कलाकृतियों को जांचा। दीवार पर बने एक दरवाजे को पत्थरों से बंद किया गया है। दरवाजा दीवार की बनावट से मेल खाता है या नहीं, यह भी जांचा।
पूर्वी दीवार पर भी बंद दरवाजे को देखा और इमारत की बनावट से इसका मेल करने का प्रयास किया। वुजूखाना के आसपास जितनी भी कलाकृतियां नजर आईं, उन्हें रिकार्ड में दर्ज किया। उत्तरी दीवार की बनावट व कलाकृतियों पर भी नजर रही और उनकी बनावट, आकार आदि को जांचा-परखा। मस्जिद पक्ष की ओर से किसी के मौजूद न रहने से तहखानों व गुंबद के नीचे मौजूद कमरे की चाबी नहीं मिली। बाहरी दीवारों की जांच के साथ ही व्यास जी के कमरे को जरूर देखा।