पटना। बिहार में जातिगत सर्वे के बाद आरक्षण का दायरा 75 प्रतिशत तक बढ़ा दिया गया। नीतीश सरकार के इन दो बड़े फैसलों ने बिहार का सियासी पारा हाई कर दिया। विपक्ष ने एक तरफ जहां आरक्षण का समर्थन किया तो दूसरी तरफ नीतीश सरकार को जातिवादी कहा। हालांकि, अब तेजस्वी यादव ने इन आरोपों पर जवाब दिया है। उन्होंने आरोपों पर बात करते हुए अपनी बीवी की जाति और धर्म का भी जिक्र कर दिया।
बिहार के उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने एक जनसभा को संबोधित करत हुए कहा, ये लोग मुझे जातिवादी कहते हैं। अगर ऐसा होता तो हम ईसाई धर्म में क्यों शादी करते। उन्होंने कहा कि उनकी बीवी ईसाई धर्म की है, लेकिन यह लोग सिर्फ राजनीति के लिए हमें जातिवादी कह रहे हैं।
‘इनका काम झूठ बोलना है…’
तेजस्वी यादव ने फिर अमित शाह का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि रिजर्वेशन लागू हुआ तो अमित शाह आए और उन्होंने कहा कि यादव और मुसलमानों का कोटा बढ़ा दिया गया है। ये सिर्फ झूठ बोल सकते हैं। उन्होंने कहा कि इनका काम झूठ बोलना है और हम लोगों का काम आपके लिए काम करना है।
तेजस्वी यादव ने कहा कि अगर हमें आरक्षण का कोटा बढ़ाना होता तो माननीय मुख्यमंत्री कुर्मी समाज से आते हैं, तो हम कुर्मी जाति का नहीं बढ़ाते। वो आखिर किस आधार पर बोल रहे हैं। आपके पास आंकड़ा कहां है। ये बिहार ही है जहां पहली बार जातिगत सर्वे हुआ है। देश में और कहीं हुआ ही नहीं है। ऐसे में आप किस आंकड़े के आधार पर बोल रहे हैं।
‘…तो रेचल का नाम राजश्री क्यों रखा?’
बीजेपी नेता रामसागर सिंह ने तेजस्वी पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि तेजस्वी के दिमाग में बचपन से ही जातिवाद का जहर घोला गया है। अगर आप जातिवादी नहीं होते तो रेचल का नाम आपने राजश्री यादव क्यों रख दिया। आपने अपनी बीवी का नाम इसलिए बदला क्योंकि आपकी मानसिकता जातिवादी है।