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देश में चुनावों से पहले डरा रही Covid-19 की रफ्तार, पढ़ें राज्यों के लिए क्या है केंद्र सरकार की गाइडलाइन


नई दिल्ली, । कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों के बीच केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने शुक्रवार को एक समीक्षा बैठक की। इस बैठक में उन्होंने राज्यों को सतर्क रहने और कोविड-19 प्रबंधन के लिए तैयार रहने की सलाह दी।

अस्पतालों में मॉक ड्रिल का दिया निर्देश

वर्चुअल बैठक की अध्यक्षता करते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कोविड-19 के बचाव और प्रबंधन को लेकर पिछली लहरों के समय हमने जैसा किया था, उसी प्रकार इस बार भी केंद्र और राज्य सरकारों को साथ मिलकर काम करते रहना होगा। उन्होंने राज्यों के स्वास्थ्य मंत्रियों से कहा कि वे 10 और 11 अप्रैल को अस्पतालों में इंफ्रास्ट्रक्चर को लेकर मॉक ड्रिल करें। जिला प्रशासन और स्वास्थ्य अधिकारियों के साथ 8 और 9 अप्रैल को स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर तैयारी की समीक्षा करें।

राज्यों को क्या दिया निर्देश

राज्य के स्वास्थ्य मंत्रियों, प्रधान और अतिरिक्त मुख्य सचिवों के साथ आयोजित बैठक में मंडाविया ने राज्यों से कोविड-19 के हॉटस्पॉट की पहचान करने और फ्लू जैसे लक्षणों (आईएलआई) और श्वसन तंत्र के गंभीर लक्षणों (एसएआरआई) के मामलों की पहचान करने और कोविड-19 तथा इन्फ्लूएंजा के पर्याप्त सैंपल जांच के लिए भेजने की अपील की। साथ ही पॉजिटिव सैंपलों की जिनॉम सिक्वेंसिंग बढ़ाने की भी बात कही।

केंद्र ने राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों से कहा

केंद्र ने शुक्रवार को राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को बताया कि विश्व स्वास्थ्य संगठन वर्तमान में वैरिएंट ऑफ इंटरेस्ट (वीओआई), एक्सबीबी.1.5 पर बारीकी से नजर रख रहा है और छह अन्य वैरिएंट बीक्यू.1, बीए.2.75, सीएच.1.1, एक्सबीबी, एक्सबीएफ और एक्सबीबी.1.16. निगरानी में हैं। उन्होंने कहा कि 23 राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों में प्रति लाख की आबादी पर जांच की दर राष्ट्रीय औसत से कम है।

केंद्र ने जांच की दर तेजी से बढ़ाने की अपील की

मंडाविया ने कहा कि कोरोना के नए वेरिएंट के सामने आने के बावजूद टेस्ट-ट्रैक-ट्रीट-टीका और कोविड अनुरूप आचार के की पंच-नीति परखी हुई रणनीति है। इससे समुचित जन स्वास्थ्य उपायों के क्रियान्वयन में मदद मिलेगी। केंद्रीय मंत्री ने राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों से जांच की दर तेजी से बढ़ाने की अपील की। यह दर 7 अप्रैल को समाप्त सप्ताह में 100 प्रति दस लाख थी। साथ ही जांच में आरटी-पीसीआर का अनुपात बढ़ाने की भी सलाह दी।

देश में चुनावों से पहले डरा रही Covid-19 की रफ्तार

बता दें कि इस साल देश के कई राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं, जिनमें दक्षिण भारत का कर्नाटक राज्य भी शामिल हैं। चुनाव आयोग ने कर्नाटक विधानसभा चुनाव की तारीखों का भी एलान कर दिया है। इसके अलावा मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में भी विधानसभा चुनाव होने हैं। ऐसे में बीते कुछ दिनों के दौरान कोरोना वायरस के मामलों में तेजी आई है, जो सरकार के लिए चिंता की बात है।