(ऋषिकेश पाण्डेय)
मऊ।पदीय अधिकारों का दुरूपयोग कर एक स्थानीय रेल अधिकारी ने शनिवार को मऊ जंक्शन रेलवे स्टेशन पर लिच्छवी एक्सप्रेस ट्रेन को बीस मिनट खङा कर दिया।जिससे ट्रेन से सफ़र कर रहे यात्रियों को तरह-तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ा।
बताया जाता है कि ट्रेन नम्बर 14005 सीतामढी से आनंद बिहार टर्मिनल जाने वाली लिच्छवी एक्सप्रेस शनिवार को 1.26बजे करीब पैंतालीस मिनट की देरी से मऊ जंक्शन पर पहुंची।जिसे यात्रियों को चढ़ाने-उतारने के बाद फौरन चला ना चाहिए था।लेकिन,ऐसा न कर यात्री हितों की जबरदस्त अनदेखी की गयी।जिससे लिच्छवी एक्सप्रेस 1.46बजे रवाना होकर वाराणसी जंक्शन पहुंचते-पहुंचते एक घंटे लेट हो गयी।जिससे यात्रियों को तरह-तरह-तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ा।सूत्रों के मुताबिक पदीय अधिकारों का दुरूपयोग करने वाले स्थानीय रेल अधिकारी का एक करीबी व्यक्ति ट्रेन नम्बर 15130 इंटरसिटी एक्सप्रेस में सफ़र कर रहा था,जो वाराणसी सिटी स्टेशन से मऊ होते हुए गोरखपुर जा रही थी।उस व्यक्ति को मऊ से लिच्छवी एक्सप्रेस पकङना था।मगर,इंटरसिटी एक्सप्रेस को कंट्रोलर ने पिपरीडीह रेलवे स्टेशन पर रोक दिया और लिच्छवी एक्सप्रेस को रन थ्रो करने का निर्देश दिया।जिससे इंटरसिटी एक्सप्रेस में बैठे उक्त व्यक्ति ने अपने सम्बन्धों का सार्वजनिक प्रदर्शन करते हुए पिपरीडीह रेलवे स्टेशन पर खङी इंटरसिटी एक्सप्रेस को मोबाइल फोन से बात कर चलवा दिया और सेंट्रल की ट्रेन लिच्छवी एक्सप्रेस को बीस मिनट तक मऊ ज॔क्शन स्टेशन पर खङी करवा दिया।इस पावर वाली घटना की ट्रेन में काफी देर तक चर्चा होती रही और लोग यह सोचते रहे कि इंटरसिटी एक्सप्रेस में बैठा वह व्यक्ति आखिर कौन था,जिसके लिए लिच्छवी एक्सप्रेस बीस मिनट डिटेन कर दी गयी।