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पनामा पेपर्स मामले के ट्रायल में कई बड़ी शख्सियतों को राहत, कोर्ट ने 28 आरोपियों को किया बरी


पनामा सिटी। पनामा पेपर्स का मामला बहुत पुराना हो चुका है। इस मामले में टैक्स चोरी और मनी लॉन्ड्रिंग का स्कैंडल दुनिया के सबसे बड़े घोटालों में से एक है। सालों पहले इस मामले के खुलासे ने दुनिया भर के कई देशों में सनसनी मचा दिया था। इस खुलासे में दुनिया के कई प्रभावशाली लोगों के नाम सामने आए थे। इस बीच, शुक्रवार को एक पनामा की अदालत ने ‘पनामा पेपर्स’ घोटाले के केंद्र में धन शोधन के आरोप में 28 लोगों को बरी कर दिया। न्यायालय ने इसकी जानकारी दी है।

अप्रैल में पनामा सिटी में आयोजित मुकदमे के दौरान अभियोजन पक्ष ने दोनों के लिए 12 साल की जेल की मांग की, जो मनी लॉन्ड्रिंग के लिए अधिकतम सजा है। हालांकि, मार्क्विनेज ने पाया कि लॉ फर्म के सर्वर से एकत्र किए गए साक्ष्य उचित प्रक्रिया के अनुरूप एकत्र नहीं किए गए थे, जिससे इसकी ‘प्रामाणिकता और अखंडता’ पर संदेह पैदा हुआ।

‘नहीं मिले आरोपियों के खिलाफ पर्याप्त सबूत’

न्यायाधीश ने यह भी फैसला सुनाया कि बाकी सबूत प्रतिवादियों की आपराधिक जिम्मेदारी निर्धारित करने के लिए पर्याप्त और निर्णायक नहीं थे। अदालत के बयान में इसकी जानकारी दी गई।

2016 में मोसैक फोंसेका से लीक हुए दस्तावेजों से पता चला कि दुनिया के कितने अमीर लोगों ने ऑफशोर कंपनियों में संपत्ति जमा की है, जिससे दुनिया भर में कई जांच शुरू हो गई हैं। अन्य लोगों में पूर्व ब्रिटिश प्रीमियर डेविड कैमरन, फुटबॉल स्टार लियोनेल मेस्सी, अर्जेंटीना के तत्कालीन राष्ट्रपति मौरिसियो मैक्री और स्पेनिश फिल्म निर्माता पेड्रो अल्मोडोवर शामिल थे।