वाशिंगटन, अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने ईरान के परमाणु कार्यक्रम के लिए प्रतिबंधों में राहत दे दी है। विदेश विभाग के अधिकारी ने कहा कि, 2020 में डोनाल्ड ट्रम्प प्रशासन द्वारा समाप्त छूट की बहाली ईरान के त्वरित अनुपालन को सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक होगी। तेहरान के परमाणु कार्यक्रम को नियंत्रित करने पर एक नया समझौता वियना में बातचीत में किया जा सकता है। विदेश विभाग के अधिकारी ने कहा,
ईरान की असैन्य परमाणु गतिविधियों से संबंधित कई प्रतिबंधों से छूट देने के लिए हस्ताक्षर किए गए हैं। बता दें कि, अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के प्रशासन ने ये छूट समाप्त कर दी थीं।
अमेरिकी अधिकारी ने कहा, इन छूटों का उद्देश्य ईरान को 2015 के समझौते के पालन के लिए लुभाना है, जिसका वह उस वक्त से उल्लंघन कर रहा है। जब ट्रम्प 2018 में इस समझौते से पीछे हट गए थे और ईरान पर अमेरिकी प्रतिबंधों को फिर से लागू कर दिया था। अमेरिकी अधिकारी ने कहा कि, समझौते में वापसी के लिए समर्थन जुटाना महत्वपूर्ण है। उन्होंने इस बात से इनकार किया कि वे ईरान को कोई रियायत दे रहे हैं। अधिकारियों ने कहा कि अन्य पक्षों ब्रिटेन, चीन, फ्रांस, जर्मनी, रूस और यूरोपीय संघ को समझौते की वार्ता में शामिल करने के लिए छूट आवश्यक है।अमेरिकी अधिकारी ने कहा कि, हमने ईरान को प्रतिबंधों से राहत नहीं दी है। हम ईरान के ‘संयुक्त व्यापक कार्य योजना’ (जेसीपीओए) के तहत अपनी प्रतिबद्धताओं पर वापस लौटने तक ऐसा नहीं करेंगे।
ईरान का कहना है कि वह समझौते की शर्तों का सम्मान नहीं कर रहा है क्योंकि अमेरिका ही पहले इससे अलग हो गया था। ईरान ने सभी प्रतिबंधों से राहत की बहाली की मांग की है। हालांकि, अधिकारियों ने दोनों पक्षों को अलग करने वाले सबसे कठिन मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करने के लिए वाशिंगटन और तेहरान के बीच सीधी बातचीत का प्रस्ताव रखा। अधिकारी ने कहा, अगर कोई अंतिम समझौता नहीं होता है, तो परमाणु हथियारों के अप्रसार पर चर्चा करने के लिए छूट महत्वपूर्ण है, पूरी दुनिया के हित में है। अधिकारी ने जोर देकर कहा कि यह कदम एक बदले की भावना का हिस्सा नहीं था, क्योंकि जेसीपीओए वार्ता में भागीदार प्रमुख मुद्दों पर ईरान की प्रतिक्रिया की प्रतीक्षा कर रहे हैं