खास बात है कि सरकार वैक्सीन मांग को लेकर नए निर्माताओं को भारत लाने की कोशिश में भी है. फिलहाल सरकार अपने लिए निर्माताओं से 50 फीसदी स्टॉक की मांग कर रही है. यह आंकड़ा पहले 100 प्रतिशत था. इसके अलावा सरकार ने विदेश भेजी जाने वाली वैक्सीन में हिस्से की मांग नहीं की है. सरकार ने सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया और भारत बायोटेक को वैक्सीन उत्पादन बढ़ाने के लिए 4500 करोड़ रुपये की रकम को एडवांस पेमेंट के रूप में मंजूरी दी है.
इस रकम की मदद से कंपनियों को वैक्सीन उत्पादन बढ़ाने के लिए कहा जा सकता है. इसके अलावा सरकार मई में स्पूतनिक 5 वैक्सीन को लेकर भी काफी उम्मीद है. खबर है कि मई में रूसी वैक्सीन का भारत में उत्पादन शुरू हो सकता है. भारत में रशियन डायरेक्टर इनवेस्टमेंट फंड में साझेदार डॉक्टर रेड्डीज लैबोरेट्री भी आज शाम पीएम मोदी की बैठक में शामिल होगी.
सीरम इंस्टीट्यूट और भारत बायोटेक को 1 मई से खुले बाजार में 50 फीसदी वैक्सीन सरकार या निजी जगहों पर सप्लाई कर सकती है. ये कंपनियां अब सीधे खुले बाजार में वैक्सीन बेच सकती हैं. इन वैक्सीन की कीमत सरकार को मिलने वाली कीमत से थोड़ी ज्यादा होने की संभावना है. इसे लेकर कंपनियां जल्द ही सार्वजनिक तौर पर घोषणा कर सकती हैं. इसके अलावा वैक्सीन के उत्पादन और सप्लाई को बढ़ाने में यह बड़ी भूमिका निभाएगा.
सरकार के सूत्रों का कहना है कि विदेशी निर्माता भी सरकार के नए चैनल को लेकर ज्यादा आकर्षित हो सकते हैं. सोमवार को जारी सरकारी बयान के अनुसार, ‘पीएम ने कहा है कि सरकार एक साल तक यह सुनिश्चित करने के लिए कड़ी मेहनत कर रही है कि ज्यादा से ज्यादा लोगों को कम से कम समय में वैक्सीन लग सके.’ आगे कहा गया कि भारत रिकॉर्ड रफ्तार के साथ लोगों को वैक्सीन लगा रहा है. कुछ दिनों पहले सरकार ने कहा था कि भारत बायोटेक की कोवैक्सीन की मौजूदा क्षमता को मई-जून 2021 तक दोगुना किया जाएगा. जुलाई-अगस्त तक यह बढ़कर 6-7 गुना हो जाएगी.