- अमेरिका ने बुधवार को बड़ा फैसला लेते हुए इजरायली स्पाइवेयर कंपनी और पेगासस साफ्टवेयर के निर्माता एनएसओ ग्रुप को ब्लैकलिस्ट कर दिया है। वाशिंगटन पोस्ट ने इसकी जानकारी दी है। कार्रवाई बाइडन प्रशासन के मानवाधिकारों को अमेरिकी विदेश नीति के केंद्र में रखने के प्रयासों का हिस्सा है।
वाशिंगटन, । अमेरिका ने इजरायल के एनएसओ ग्रुप और कैंडिरू नाम की कंपनी को काली सूची में डाल दिया है। अब यह ग्रुप और कंपनी अमेरिका में किसी तरह का व्यापार नहीं कर पाएंगी। बता दें कि एनएसओ ग्रुप ने ही पेगासस साफ्टवेयर को बनाया है। अमेरिका के वाणिज्य विभाग ने कहा है कि दोनों ने विदेशी सरकारों को ऐसे जासूसी उपकरण बेचे हैं, जिनसे सरकारी अधिकारियों, नेताओं और पत्रकारों के फोन टेप किए गए।
भारत का पेगासस मामला भी इसी से जुड़ा हुआ है। फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों का फोन टेप होने की बात भी सामने आई है। फ्रांस समेत कई देशों में इस सिलसिले में जांच शुरू हो चुकी है। अमेरिका के वाणिज्य विभाग ने रूस की पाजिटिव टेक्नोलाजीज और सिंगापुर के कंप्यूटर सिक्युरिटी इनीशिएटिव कंसल्टेंसी लिमिटेड को भी काली सूची में डाला है। इन दोनों कंपनियों पर गलत तरीके से कंप्यूटर नेटवर्क में घुसपैठ करने और गड़बड़ी करने का आरोप है।
विभाग ने कहा है कि कंपनियों की इन गतिविधियों से अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा और विदेश नीति के हितों को नुकसान हुआ है। मामले में अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता ने कहा है कि फिलहाल हम उन देशों और उनकी सरकारों के खिलाफ कोई कदम नहीं उठा रहे हैं जिन्होंने जासूसी उपकरणों का इस्तेमाल कर अनुचित फायदा उठाया है।
नेटवर्क हैकिंग में इस्तेमाल होने वाले उपकरणों की बिक्री का आरोप
इससे पहले एनएसओ ग्रुप और कैंडिरू पर कंप्यूटर व नेटवर्क हैकिंग में इस्तेमाल होने वाले उपकरणों की बिक्री का आरोप लगा था। जवाब में एनएसओ ग्रुप ने कहा था कि वह कानून का पालन करवाने वाली एजेंसियों और खुफिया संगठनों को इस तरह के उपकरणों की बिक्री करता है। ये उपकरण आपराधिक और आतंकी वारदातों की रोकथाम में काम आते हैं। अमेरिकी प्रतिबंध पर एनएसओ की प्रतिक्रिया अभी नहीं आई है। कैंडिरू के प्रतिनिधि ने भी प्रतिक्रिया नहीं दी है।