नई दिल्ली : पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव की कल से शुरुआत होने जा रही है। शनिवार को पश्चिम बंगाल और असम में विधानसभा चुनाव के तहत कल पहले चरण की वोटिंग होगी। चुनाव को शांति पूर्वक संपन्न कराने के लिए चुनाव आयोग के साथ-साथ स्थानीय प्रशासन ने तकरीबन सारी तैयारियां पूरी कर ली है।
टीएमसी और बीजेपी के बीच है मुख्य टक्कर
27 मार्च को पश्चिम बंगाल की 5 जिलों की 30 सीटों पर चुनाव होंगे। इन 30 सीटों में से 4 सीट दलित सीट हैं जबकि 7 सीट आदिवासी हैं। कल पुरुलिया, झारग्राम, बांकुरा, पूर्वी मिदनापुर पार्ट-1 और पश्चिमी मिदनापुर पार्ट- 1 में वोटिंग होगी। आपको बता दें कि पश्चिम बंगाल चुनाव में मुख्य मुकाबला तृणमूल कांग्रेस और बीजेपी के बीच माना जा रहा है। बंगाल में वर्तमान में तृणमूल कांग्रेस की सरकार है और ममता बनर्जी मुख्यमंत्री हैं। पिछले चुनाव में ममता की टीएमसी ने सबसे ज्यादा 211 सीटें, कांग्रेस ने 44, लेफ्ट ने 26 और बीजेपी ने मात्र तीन सीटों पर जीत दर्ज की थी। जबकि अन्य ने दस सीटों पर जीत हासिल की थी। यहां बहुमत के लिए 148 सीटें चाहिए।
बंगाल के पहले चरण में पुरुलिया सीट पर बीजेपी ने कांग्रेस छोड़कर आए सुदीप मुखर्जी को उतारा है, जिनके सामने कांग्रेस ने प्रीतम बनर्जी और टीएमसी ने सुजय बनर्जी पर दांव लगा रखा है। बांघमुंडी सीट पर दो बार से कांग्रेस के विधायक नेपाल चंद्र महतो एक बार फिर से किस्मत आजमा रहे हैं, जिनके सामने टीएमसी से सुशांत महतो जबकि बीजेपी ने यह सीट अपने सहयोगी एजेएसयू के लिए छोड़ दी है, जिसने आशुतोष महतो पर भरोसा जताया है।
ऐसे ही खड़गपुर विधानसभा सीट काफी हाई प्रोफाइल मानी जाती है, जो बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष के संसदीय इलाके में आती है। यहां टीएमसी के दिनेन रॉय और बीजेपी के तपन भुया के बीच मुकाबला माना जा रहा है। मेदनीपुर सीट पर बीजेपी के सामित कुमार दास के खिलाफ टीएमसी ने अपने मौजूदा विधायक मृगेंद्रनाथ मैएती की जगह एक्टर जुने मलिहा को उतार रखा है। खेजरी सीट पर बीजेपी के सांतनु प्रमाणिक और सीपीएम के हिमांग्सु दास हैं जबकि टीएमसी ने अपने विधायक रंजीत मंडल की जगह पार्था प्रीतम दास को टिकट दिया है।
बंगाल में 8 चरणों में मतदान
गौरतलब है कि पश्चिम बंगाल की 294 में से पहले चरण में 30 सीटों पर 27 मार्च को वोट डाले जाएंगे। दूसरे चरण में 30 सीटों पर एक अप्रैल को, तीसरे चरण में 31 सीटों पर 6 अप्रैल को, चौथे चरण में 44 सीटों पर 10 अप्रैल को, पांचवे चरण में 45 सीटों पर 17 अप्रैल को, छठे चरण में 43 सीटों पर 22 अप्रैल को, सातवें चरण में 36 सीटों पर 26 अप्रैल को और आठवें चरण में 35 सीटों पर 29 अप्रैल को वोट डाले जाएंगे। जबकि वोटों की गिनती 2 मई को होगी। पश्चिम बंगाल में 2016 में 77,413 चुनाव केंद्र थे, अब यहां 1,01,916 चुनाव केंद्र बनाए गए हैं।
असम में बीजेपी और कांग्रेस में मुख्य मुकाबला
वहीं असम में पहले चरण के तहत कल 12 जिलों से 47 विधानसभा सीटों पर वोटिंग होगी। इन 47 सीटों में से 5 आदिवासी सीट हैं। पहले दौर में जिन 47 सीटों पर शनिवार को वोटिंग होनी है, उसमें से 42 सीटें ऊपरी असम के 11 जिलों की हैं जबकि 5 सीटें सेंट्रल असम में इलाके की शामिल हैं। असम विधानसभा चुनाव के लिए पहले चरण में 269 उम्मीदवार चुनावी मैदान में हैं।
असम के पहले चरण में बीजेपी और कांग्रेस के कई दिग्गज नेताओं की दांव साख पर लगी है। मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल (माजुली), विधानसभा अध्यक्ष हितेंद्र नाथ गोस्वामी (जोरहाट), मंत्री रंजीत दत्ता (बेहाली) और संजय किशन (तिनसुकिया) से किस्मत आजमा रहे हैं। ऐसे ही एनडीए के सहयोगी और असम गणपरिषद के नेता व मंत्री अतुल बोरा (बोकाखाट) और केशव महंत (कलियाबोर) भी मैदान में है। वहीं, असम प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष रिपुन बोरा (गोहपुर), कांग्रेस विधायक दल के नेता देवव्रत सैकिया (नाजिरा) और कांग्रेस सचिव भूपेन बोरा (बिहपुरिया) की किस्मत का फैसला भी पहले चरण में होना है।
असम में 3 चरणों में होंगे चुनाव
गौरतलब है कि असम में 126 सदस्यीय विधानसभा के लिए 27 मार्च, एक अप्रैल और छह अप्रैल को तीन चरणों में मतदान होना है। जबकि वोटों की गिनती 2 मई को होगी। असम में 2016 विधानसभा चुनाव में 24,890 चुनाव केंद्र थे, 2021 में चुनाव केंद्रों की संख्या 33,530 होगी।