पटना

बिहार की तकदीर जल्द लिखने वाली है जीविका : जीवेश कुमार


जाले (दरभंगा)(आससे)। अनुसूचित जाति के महिला व पुरुष किसानों के उत्थान के लिए कृषि विभाग संकल्पित है। इसके मद्देनजर शनिवार को अलग से भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान के क्षेत्रीय केंद्र पूसा के द्वारा कार्ययोजना तैयार कर अनुसूचित जाति के दो सौ महिला व पुरुष के विकास के लिए उन्नत किस्म के धान व बाजरा का बीज आवश्यकतानुसार सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए उपलब्ध कराया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ सामूहिक रूप से दीप प्रज्वलित कर किया गया।

कृषि विज्ञान केंद्र जाले के सभागार में केंद्र के अध्यक्ष डॉ.दिव्यांशु शेखर की अध्यक्षता में आयोजित कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए बतौर मुख्य अतिथि बिहार सरकार के श्रम संसाधन विभाग एवम सूचना प्रौद्योगिकी विभाग के मंत्री जीवेश कुमार ने अनुसूचित जाति के महिला व पुरुष किसानों के बीच आवश्यकतानुसार बीज उपलब्ध कराते हुए कहा कि वह दिन दूर नही, जब बिहार की तकदीर जीविका लिखने वाली है।

उन्होंने कहा कि इस देश के अंदर एक गरीबनी एवम मजदूरनी का बेटा प्रधानमंत्री बनकर देश के अंदर गरीब वर्ग के अंतिम लोगों के उत्थान के लिए सोचना एवम उसके अनुरूप योजनाएं बनाना शुरू किया। मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री देश के एक एक गरीब के उत्थान के लिए सोचना शुरू किए है। देश के आजादी के सत्तर वर्ष बाद एक पहला प्रधानमंत्री हुए है, जो उनके उत्थान एवम उनके सपने को साकार करने के लिए जुट गए है। उनका चूल्हा कैसे जले, रहन सहन कैसे सुधरे सहित एक-एक बिंदु पर विचार कर रहे हैं।

आगामी 2022 तक किसानों की आमदनी दुगुना कैसे हो, इस पर विस्तार से चर्चा करते हुए मंत्री श्री कुमार ने कहा कि अगर देश के किसानों की स्थिति सुधर जाय, तो देश की अर्थव्यवस्था में एक बहुत बड़ा बदलाव होगा। उन्होंने कहा कि आज बिहार के अंदर 89% लोग गाँव मे एवम ग्यारह प्रतिशत लोग शहर में रहते है। सरकार के किये गए वादे के अनुसार बिहार में कई नगर पंचायत का गठन किया गया है, उसके हिसाब से जोड़े तो पच्चासी प्रतिशत लोग गाँव मे एवम पन्द्रह प्रतिशत लोग शहर में निवास करते है। इसमे सतहत्तर प्रतिशत कृषि पर निर्भर है।

उन्होंने कहा कि अगर इन किसानों की स्थिति सुधर जाय, तो भी हमारा देश सुदृढ हो जाएगा। उन्होंने अनुसूचित जाति के उपस्थित किसानों को सम्बोधित करते हुए कहा कि कोरोना काल मे देश के अंदर उद्योग धंधे बंद हो गए। इसके कारण मजदूर बेकार होकर आपने-अपने घर लौट गए। उनकी माली हालत चिंताजनक हो गई। इसके बावजूद इन किसान मजदूरों के बदौलत देश मे रिकॉर्ड अनाज का उत्पादन हुआ। किसानों के रिकॉर्ड उत्पादन को देख प्रधानमंत्री ने गरीबो के लिए अलग से कई योजनाओं का लाभ देना शुरू किये हैं।

अतिथियों का स्वागत करते हुए डॉ शेखर ने भारत सरकार एवम राज्य सरकार सम्पोषित केंद्र के द्वारा चलाये जा रहे कार्यक्रमो की जानकारी दी। भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान के क्षेत्रीय केंद्र पूसा समस्तीपुर के अध्यक्ष डॉ केके सिंह ने किसानों को उन्नत बीज की महत्ता पर प्रकाश डाला एवम नर्सरी प्रबन्धन की जानकारी दी। धन्यवाद ज्ञापन डॉ आरपी प्रसाद ने किया। इससे पूर्व मंचस्थ अतिथियों का स्वागत परम्परानुसार बुके व पाग भेंट कर किया गया।

मौके पर केविके के वैज्ञानिक डॉ एपी राकेश, डॉ सीमा प्रधान, सुश्री कुमारी अम्बा, जीविका के बीएम अमित कुमार, विपिन कुमार, आत्मा एटीम अभिषेख कुमार, आईएआरआई पूसा के मीरा पांडेय, जगदीश कापर, सांसद प्रतिनिधि डॉ राघवेन्द्र प्रसाद, परामर्श समिति के अध्यक्ष डॉ सूर्यनारायण शर्मा, भाजपाई विपिन पाठक, रंजीत झा आदि गण्यमान लोग मौजूद थे।