बेगूसराय (आससे)। बिहार सरकार शिक्षकों की उपस्थिति को लेकर गंभीर होती दिख रही है। बिना सूचना दिए स्कूलों से गायब रहने वाले शिक्षकों पर कार्रवाई होनी शुरू हो गई है। नो पे फॉर नो वर्क के सिद्धांत पर शिक्षकों के विरुद्ध कार्रवाई करने की प्रक्रिया प्रारंभ कर दी गई है। ज्ञात हो कि शिक्षा विभाग ने सभी जिले के जिला शिक्षा पदाधिकारी एवं डीपीओ को आदेश दिए हुए है कि विद्यालयों का औचक निरीक्षण कर उसी दिन रिपोर्ट विभाग को भेजें। इसी को लेकर जिला शिक्षा पदाधिकारी एवं डीपीओ के द्वारा जिले के कई विद्यालयों का औचक निरीक्षण किया गया।
निरीक्षण अवधि में जो भी शिक्षक अनुपस्थित पाए गए उन शिक्षकों का एक दिन का वेतन काटने का आदेश 18 नवम्बर को दिया गया है। सितम्बर से अक्टूबर तक के निरीक्षण अवधि के दौरान गायब शिक्षकों का एक दिन का वेतन काटने का आदेश दिया गया है। जिले में निरीक्षण होने से शिक्षक समय पर उपस्थिति विद्यालय में होने लगे है। विभाग को ऐसी कई शिकायतें मिलती रही है कि शिक्षक समय से विद्यालय नहीं आते हैं।
ज्ञात हो कि प्राथमिक शिक्षा निदेशक एवं माध्यमिक शिक्षा निदेशक ने सभी विद्यालयों का निरीक्षण समय-समय पर करने को कहा है। इसी को लेकर जिला शिक्षा पदाधिकारी एवं डीपीओ ने कई विद्यालयों में औचक निरीक्षण किया। औचक निरीक्षण के दौरान कई शिक्षक बिना सूचना के ही विद्यालय में अनुपस्थित थे। इसी कड़ी में 54 शिक्षक विभिन्न तिथि में विद्यालय में अनुपस्थित पाए गए। इस कार्रवाई से शिक्षकों में भय व्याप्त है। जिसके कारण विद्यालय में अब ससमय में उपस्थित होने लगे हैं।
वहीं शिक्षा विभाग ने भी कमर कस ली है कि सभी शिक्षकों को विद्यालय में उपस्थित होना है। जो विद्यालय में अनुपस्थित रहेंगे उन सभी शिक्षकों के ऊपर कार्रवाई करने से विभाग बाज नहीं आएगा। ज्ञात हो कि इसके पूर्व 96 शिक्षकों पर कार्रवाई हो चुकी है। 54 शिक्षक प्राथमिक विद्यालय, मध्य विद्यालय एवं उच्च विद्यालय के शिक्षक हैं।
बताते चलें कि जिला शिक्षा पदाधिकारी रजनीकांत परवीन ने गोल्डन ऐप भी लॉन्च किया है जिसके माध्यम से सभी शिक्षकों की विवरणी प्रत्येक दिन मांगी जा रही है। इस तरह से शिक्षा विभाग के द्वारा शिक्षकों के ऊपर नकेल कसी जा रही है जिससे शिक्षक ससमय में उपस्थित होने लगे हैं।