चंडीगढ़। मुख्यमंत्री भगवंत मान द्वारा पंजाब में अलग विधानसभा व हाई कोर्ट की मांग को लेकर सियासी पारा चढ़ने लगा है। चंडीगढ़ पर पंजाब का हक कायम रखने के लिए शिरोमणि अकाली दल और कांग्रेस एक मंच पर आ गए हैं।
शिअद के प्रधान सुखबीर बादल ने मुख्यमंत्री भगवंत मान ने अलग विधान सभा और हाई कोर्ट की मांग कर पंजाब के अधिकारों को सेरेंडर कर दिया है, लेकिन शिरोमणि अकाली दल संघर्ष करेगी। वहीं, कांग्रेस के प्रदेश प्रधान अमरिंदर सिंह राजा वडिंग का कहना है ‘हम मर जाएंगे लेकिन चंडीगढ़ पर अपना अधिकार नहीं छोड़ेंगे।’ अहम बात यह है कि दोनों ही नेताओं ने मुख्यमंत्री से अपना ट्वीट वापस लेने की मांग की है।
बता दें, जयपुर में नार्थ जोन काउंसिल की बैठक में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने हरियाणा को विधान सभा में जमीन देने की घोषणा की थी। इसके बाद मुख्यमंत्री भगवंत मान ने ट्वीट कर पंजाब के लिए भी अलग विधानसभा व हाईकोर्ट के लिए जमीन देने की मांग उठाई।
मुख्यमंत्री के इस ट्वीट को चंडीगढ़ पर पंजाब के हकों को सेरेंडर करने के रूप में देखा जा रहा है। सुखबीर बादल ने कहा ‘जिसने भी पंजाबी मां का दूध पिया है, वो ऐसा बयान नहीं दे सकता है।’ सुखबीर बादल ने कहा, यह एक साजिश है, जो कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल द्वारा रची गई है, क्योंकि संगरूर में लोकसभा के उपचुनाव में मिली हार के बाद केजरीवाल को यह एहसास हो गया है कि भले ही उनके पास 92 विधायक हो लेकिन पंजाब में उनकी दाल अब नहीं गलने वाली है।
सुखबीर बादल ने कहा कि इसीलिए उनका ध्यान अब हरियाणा के चुनावों पर है। सुखबीर ने कहा, चंडीगढ़ पंजाब की धरती पर बना है। मुख्यमंत्री अगर अपना बयान वापस नहीं लेते हैं तो पार्टी संघर्ष करेगी। एक-दो दिनों में शिअद अपनी कोर कमेटी में फैसला संघर्ष की रूप-रेखा तैयार करेगी। साथ ही सुखबीर बादल ने घोषणा की ‘चंडीगढ़ में हरियाणा को विधान सभा व हाई कोर्ट के लिए किसी भी सूरत में जमीन नहीं लेने देंगे।’