भारत सरकार के किसी भी आदेश को पूरा करेगी सेना
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का गुलाम कश्मीर (Pok) वापस लेने का बयान पर उत्तरी सेना के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने कहा कि जहां तक भारतीय सेना का संबंध है, वह भारत सरकार द्वारा दिए गए किसी भी आदेश को पूरा करेगी। जब भी इस तरह के आदेश दिए जाएंगे, हम इसके लिए हमेशा तैयार रहेंगे।
युद्ध विराम टूटने का देंगे मुंह तोड़ जवाब
युद्ध विराम को लेकर भारत और पाकिस्तान के बीच समझौते पर उत्तरी सेना के कमांडर उपेंद्र द्विवेदी ने कहा कि सेना हमेशा यह सुनिश्चित करने के लिए तैयार है कि दोनों देशों के बीच युद्धविराम की समझ कभी न टूटे क्योंकि यह दोनों देशों के हित में है। लेकिन अगर कभी भी टूटा तो हम उन्हें करारा जवाब देंगे।
अग्निवीरों को लेकर सरकार और सेना की व्यापक योजना
उन्होंने कहा कि देश में 25 वर्ष से कम आयु के 50 प्रतिशत से अधिक लोग हैं। यदि हम उन्हें अग्निवीरों के रूप में लेते हैं, उन्हें पढ़ाते हैं और उन्हें वापस भेजते हैं तो उनमें से कुछ को वापस भेज सकेगे, उनमें से कुछ को अर्धसैनिक बलों और पुलिस बलों में भेजा जाएगा और बाकी खुद का रोजगार कर कर सकेंगे।
लांचपैड पर बैठे हैं लगभग 160 आतंकी
उन्होंने आगे कहा कि सीमा पार लॉन्चपैड पर लगभग 160 आतंकी बैठे हैं जिनमें पीर पंजाल के 130 उत्तर और पीर पंजाल के दक्षिण में 30 हैं। पूरे भीतरी इलाकों में कुल 82 पाकिस्तानी आतंकवादी और 53 स्थानीय आतंकवादी बैठे हैं। चिंताजनक यह है कि लगभग 170 अज्ञात आतंकी सेना के पास सूचीबद्ध हैं, जिन्हें आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने का काम सौंपा गया है। इससे पहले 28 अक्टूबर को, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) को वापस लेने के लिए नई दिल्ली के संकल्प को दोहराया और कहा कि सभी शरणार्थियों को उनकी जमीन और घर वापस मिल जाएगा।
पड़ोसी देश पिस्तौल, ग्रेनेड और ड्रग्स की खेप भेज रहा
अनुच्छेद-370 निरस्त होने के बाद सुरक्षा स्थिति के बारे में जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने कहा कि सुरक्षा परि²श्य में पांच अगस्त, 2019 के बाद एक बड़ा बदलाव देखा गया है। उन्होंने कहा कि शांति और विकास को गति मिली है। इसके अलावा उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर में सक्रिय आतंकी हथियारों की कमी का सामना कर रहे हैं और पड़ोसी देश पिस्तौल, ग्रेनेड और ड्रग्स की खेप भेज रहा है।
छोटे हथियारों का इस्तेमाल
गैर जम्मू-कश्मीर निवासियों को निशाना बनाने के लिए किया जा रहा है, जो यहां अपनी जीविका कमाने के लिए आते हैं। बेगुनाहों की हत्या में शामिल लोगों को कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा। जनरल द्विवेदी ने कहा कि इस तरफ भारी मात्रा में ड्रग्स भेजा जा रहा है और पिछले साल जून में बारामुला में 45 करोड़ रुपये की हेरोइन के अलावा हथियार जब्त किए गए थे।
ड्रोन की साजिश की जा रही नाकाम
ड्रोन की चुनौती पर जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने कहा कि जहां पर हथियार और ड्रग्स गिराए जा रहे हैं उन क्षेत्रों को सेना ने चिन्हित कर लिया है। इसके अलावा ड्रोन की साजिश को नकाम बनाने के लिए भी कार्रवाई की जा रही है। स्थानीय आतंकी भर्ती के बारे में लेफ्टिनेंट जनरल द्विवेदी ने कहा कि भर्ती में 35 प्रतिशत बीस वर्ष से कम आयु के युवा शामिल हैं और शेष 75 प्रतिशत में बीस से तीस वर्ष की आयु के बीच के युवा शामिल हैं। यह माता-पिता के लिए अपने बच्चों पर नजर रखने और उचित परवरिश सुनिश्चित करने का समय है। इन युवाओं को अध्ययन करने और बाहर की दुनिया देखने की जरूरत है। हमने 1800 युवाओं को पढ़ाई के लिए भारत के विभिन्न हिस्सों में भेजा है।