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भ्रष्‍टाचार के बाद महाराष्‍ट्र में सामने आया ट्रांसफर रैकेट


नई दिल्‍ली: महाराष्‍ट्र की उद्ध्‍व सरकार पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं। 100 करोड़ के वसूली कांड के बाद अब ट्रांसफर रैकेट सामने आया है। पूर्व मुख्‍यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने प्रेस कांफ्रेंस करके इस बारे में खुलासा किया है। उन्‍होंने यहां पर एक पत्र भी दिखाया, जिसमें स्‍टेट इंटेलिजेंस डिपार्टमेंट की कमिश्नर रश्‍मि शुक्‍ला ने 25 अगस्त 2020 को महाराष्‍ट्र के डीजपी को ट्रांसफर-पोस्टिंग रैकेट के बारे में बताया था।

इस पत्र में रश्मि शुक्‍ला ने कहा कि इंस्‍पेक्‍टर से लेकर आईपीएम लेवल तक के तबादले कराने को लेकर सरकार में दलाल मौजूद हैं और इनकी पहुंच ऊपर तक है। सुबोध कुमार जयसवाल उस समय महाराष्‍ट्र के डीजीपी थे। उन्‍होंने कहा कि इसके बदले एक बड़ी रकम का लेनदेन भी हो रहा है।

रश्मि शुक्ला को जानकारी मिली कि ट्रांसफर के नाम पर मंत्री के नाम का इस्तेमाल हो रहा है। जिसके बाद डीजीपी ने ACS होम से कुछ कॉल रिकॉर्डिंग की परमिशन मांगी थी, जिस के बाद बड़ी जानकारी बाहर आने लगी। इस मामले की रिपोर्ट COI ने तैयार की और डीजी को दी बाद में डीजी ने ACS होम को रिपोर्ट फॉरवर्ड की।

फडणवीस ने प्रेस कांफ्रेंस में बताया कि मेरी जानकारी के अनुसार इसके बारे में पूरी ब्रीफिंग सीएम को दी गई। सीएम ने इस बारे में चिंता व्यक्त की, लेकिन इस पर कोई कार्रवाई नहीं की। सीएम ने एक तरह से अपनी सरकार को बचाने के लिए घोटाले को कवर किया। जब पता चला कि कोई कारवाई नहीं हुई, तब यह रिपोर्ट सीएम के पास से एचएम के पास गई।

हालांकि इसके बाद कमिश्नर इंटेलिजेंस रश्मि शुक्‍ला पर कारवाई हुई और उनके जूनियर को प्रमोशन दिया गया। उन्‍होंने कहा कि इस पिसी के बाद मैं दिल्ली जाऊंगा, होम सेक्रेटरी से मुलाक़ात करूंगा और उनको रिपोर्ट दूंगा। होम सेक्रेटरी इस मामले की जांच सीबीआई द्वारा करे, मैं यह मांग करने वाला हूं।

पूर्व मुख्‍यमंत्री ने कहा कि रश्मि शुक्ला ने जो रिपोर्ट दी है, उसमें 10 से 12 आईपीएस अधिकारियों के नाम है। यह रैकेट मुंबई के बड़े फाइव स्टार होटल से चलाया जाता था। इस रिपोर्ट में कुछ नेताओं के नाम का भी जिक्र है। इनमें कई अधिकारियों के नाम है, जिनके ट्रांसफर की जिम्मेदारी दलालों ने ली थी।