नई दिल्ली, । पैसे-रुपये से जुड़ी गलतियों को अगर आप समय पर नहीं सुधारते हैं तो वह आपके लिए काफी महंगी पड़ सकती हैं। कोविड-19 की वजह से ऐसी परिस्थितियां पैदा हो गई हैं, जिनमें अधिकतर घरों की इनकम पर असर पड़ा है। ऐसे में पैसे-रुपये से जुड़े गलत निर्णय लेने की तुलना में समझदारी भरा फैसला लेने की जरूरत है। इस तरह की गलतियों से बचकर आप अपनी परिस्थिति को मजबूत बनाए रख सकते हैं और यह सुनिश्चित कर सकते हैं कि आप अपने लक्ष्यों को हासिल करें।
इंवेस्ट नहीं करना
अगर आप अपनी सेविंग के पैसे को इंवेस्ट करने के बजाय अपने बैंक के सेविंग अकाउंट में जमा कर रहे हैं तो आप अपने साथ पूरा न्याय नहीं कर रहे हैं। ऐसा करके आप विभिन्न फाइनेंशियल इंस्ट्रुमेंट के जरिए धन सृजन के मौके को खो दे रहे हैं। इसके साथ ही साथ आप अपने आप को महंगाई दर के लिहाज से कमजोर बना रहे हैं, जो समय के साथ आपकी परचेजिंग पावर को कम कर देता है।
इस तरह आपको अपने पैसे को अपने लक्ष्य और जोखिम लेने की क्षमता के हिसाब से विभिन्न फाइनेंशियल इंस्ट्रुमेंट में इंवेस्ट करना चाहिए। इसके साथ-ही-साथ महंगाई को मात देने वाले इक्विटी जैसे एसेट क्लास में निवेश करना समान रूप से अनिवार्य है। इक्विटी जैसे एसेट्स लंबे समय में महंगाई को मात देने वाले रिटर्न देते हैं।
चाह पर अधिक खर्च करना
गैर-जरूरी चीजों पर अधिक खर्च आपकी मुसीबतें बढ़ा सकता है। इसका असर आपके फाइनेंस पर देखने को मिल सकता है और आपके जीवन के महत्वपूर्ण लक्ष्य इससे प्रभावित हो सकते हैं। ऐसे में आपको अपनी इच्छाओं पर खर्च को सीमित करना चाहिए और ऐसी चीजों पर कम-से-कम खर्च करना चाहिए। एक बजट बनाइए और जरूरतों को पूरा करने के लिए पर्याप्त धनराशि रखिए।
तत्काल सुख पाने की चाह को काबू में रखिए। इसके साथ ही साथ कभी लाइफस्टाइल के लिए लोन मत लीजिए क्योंकि इस पर ज्यादा ब्याज देना होता है। ब्याज की दर ज्यादा होती है और आप लोन के जाल में फंस सकते हैं। गैर-जरूरी खर्चों से परहेज करने से आप अपने फाइनेंस को बेहतर ढंग से संभाल सकते हैं।
लाइफ या हेल्थ इंश्योरेंस नहीं लेना
अधिकतर लोगों में अब भी यह धारणा है कि इंश्योरेंस पर खर्च करना पैसों की बर्बादी है जबकि ऐसा नहीं है। मौजूदा समय में लाइफ और हेल्थ इंश्योरेंस चाह नहीं बल्कि जरूरत बन गए हैं। इंश्योरेंस पर पैसे खर्च करने से आपकी सेविंग मुश्किल समय में खर्च होने से बच जाती है। लाइफ इंश्योरेंस के लिए टर्म प्लान सबसे बढ़िया ऑप्शन होता है क्योंकि आपको किफायती दर पर बड़ी रकम की फाइनेंशियल कवरेज मिल जाती है।
दूसरी ओर, जब किसी व्यक्ति को अस्पताल में भर्ती कराना पड़ता है तो ऐसे में हेल्थ इंश्योरेंस काम आता है। यह सुनिश्चित करता है कि फंड की कमी आपके अच्छे-से-अच्छे इलाज में आड़े ना आए। सभी मेंबर्स को कवरेज उपलब्ध कराने के लिए फैमिली फ्लोटर प्लान खरीदना समझदारी भरा कदम होता है। अगर आपने अब तक इंश्योरेंस नहीं खरीदा है तो अभी खरीद लेना चाहिए।
इमरजेंसी फंड नहीं बनाना
इमरजेंसी एक झटके में आपके सबसे बढ़िया फाइनेंशियल प्लान को भी पटरी से उतार सकती है। लिक्विड फंड और ऐसे एसेट्स में निवेश के जरिए आपको इमरजेंसी फंड तैयार रखना चाहिए, जिसे लिक्विडेट करना आसान हो। इमरजेंसी फंड बनाते समय पूंजी की सुरक्षा को सबसे ज्यादा ध्यान में रखना चाहिए। इमरजेंसी फंड करते समय आपका ध्यान रिटर्न पर नहीं होना चाहिए।
यह फंड आपके एक साल के खर्च के बराबर होना चाहिए और किसी भी हालत में इसे किसी और जरूरत के लिए डाइवर्ट नहीं करना चाहिए। इसके साथ ही इसे समय के साथ बढ़ाना चाहिए ताकि हर समय सुरक्षित रहें।
हर खरीद के लिए क्रेडिट कार्ड स्वैप करना
क्रेडिट कार्ड से हमारा जीवन काफी आसान हो गया है क्योंकि इस तत्काल लिक्विडिटी मिल जाती है। हालांक, हर खरीद के लिए क्रेडिट कार्ड स्वैप करने से यह संदेश जाता है कि आप ज्यादा-से-ज्यादा क्रेडिट चाहते हैं। दूसरी ओर, क्रेडिट कार्ड पर अधिक ब्याज देना होता है और ऐसे में आप जितना अधिक बॉरो करते हैं, उतना अधिक आपको चुकाना पड़ता है। आपको हमेशा अपना क्रेडिट यूटिलाइजेशन रेशियो कम रखना चाहिए और समय पर मिनिमम अमाउंट के स्थान पर पूरा पेमेंट करना चाहिए।