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मप्र में भूमाफियाओं के कब्जे से मुक्त कराई जमीन पर बनेगा मेडिकल कालेज व फर्नीचर क्लस्टर


भोपाल, । मध्य प्रदेश में भूमाफिया से मुक्त कराई गई भूमि पर गरीबों के आवास के साथ मेडिकल कालेज और फर्नीचर क्लस्टर बनाए जाएंगे। उज्जैन में मेडिकल कालेज के लिए 12.19 एकड़ और औद्योगिक विकास के लिए 40.36 एकड़ भूमि दी जाएगी। वहीं, इंदौर में 50 एकड़ भूमि फर्नीचर क्लस्टर के लिए आवंटित होगी। जबलपुर में 25 एकड़ भूमि स्व-सहायता समूह के एग्रोपार्क की स्थापना के लिए देना प्रस्तावित किया गया है। एक हजार 828 एकड़ भूमि पर गरीबों के आवास बनेंगे। ये जमीन भूमाफिया के कब्जे से मुक्त कराई गई है।

जनवरी से मार्च 2022 तक सीहोर में सर्वाधिक 309 एकड़ भूमि अवैध कब्जाधारियों से मुक्त कराई गई है। जबकि, कटनी, आलीराजपुर, सीधी, डिंडौरी और शाजापुर जिलों में भूमाफिया के विरद्घ कार्रवाई सबसे कम रही है।

भूमाफिया के विरुद्ध अभियान

शिवराज सरकार शासकीय भूमि पर अतिक्रमण करने वाले भूमाफिया के विरुद्ध अभियान चला रही है। एक जनवरी से 31 मार्च, 2022 तक दो हजार 243 एकड़ भूमि मुक्त कराई जा चुकी है। इस भूमि का उपयोग गरीबों के आवास बनाने के साथ अन्य गतिविधियों के लिए किया जाएगा। मुख्यमंत्री कार्यालय के अधिकारियों ने बताया कि उज्जैन में मेडिकल कालेज के साथ औद्योगिक गतिविधियों के लिए भूमि आवंटित करने का निर्णय लिया गया है। इसी तरह इंदौर में 50 एकड़ भूमि जिला व उद्योग केंद्र को फर्नीचर क्लस्टर के लिए दी जा रही है। 1.60 एकड़ भूमि गृह विभाग को राउ में थाना बनाने के लिए देना प्रस्तावित किया गया है। ग्वालियर में 98.40 एकड़ भूमि उद्योग विभाग को दी जाएगी। जबलपुर में एक एकड़ भूमि पुलिस आधुनिकीकरण योजना के तहत क्षेत्रीय वैज्ञानिक प्रयोगशाला के निर्माण के लिए आरक्षित की गई है। यहां 25 एकड़ भूमि पर स्व-सहायता समूह के लिए एग्रोपार्क बनाने पंचायत व ग्रामीण विकास विभाग को भूमि दी जाएगी। सीहोर में 25.51 एकड़ भूमि गोशाला और 11 एकड़ सीएम राइज स्कूल के लिए दी जाएगी। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने निर्देश दिए हैं कि अतिक्रमण से मुक्त कराई गई भूमि प्राथमिकता के आधार पर गरीबों के लिए आवास और रोजगार की गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए दी जाए।