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महाराष्ट्र में भारी वर्षा के कारण हुए भूस्खलन,निकाले गए 90 शव


  • नई दिल्ली: महाराष्ट्र में भारी वर्षा के कारण हुए भूस्खलन के बाद 90 शव निकाले जा चुके हैं और 100 से अधिक लोग अभी भी लापता हैं। राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) के अनुसार, एनडीआरएफ तीन भूस्खलन प्रभावित जिलों रायगढ़, रत्नागिरी और सतारा में काम कर रहा है। एनडीआरएफ के बचावकर्मियों ने इन इलाकों से कुल 90 शव निकाले हैं, जिनमें सबसे ज्यादा 47 शव रायगढ़ की महाड़ तहसील के तलिये गांव से हैं।

इन तीन जिलों में कई लोगों के लापता होने की खबर है। एनडीआरएफ रायगढ़ में भूस्खलन प्रभावित तलिये, रत्नागिरी के पोरासे और पेधे और सतारा जिले के मीरगांव, अंबेघर और ढोकावाले में काम कर रहा है।

एनडीआरएफ ने कहा कि टीमें पिछले कुछ दिनों से लगातार बचाव और राहत कार्य में लगी हुई हैं और अब तक उन्होंने 3,100 से अधिक फंसे हुए लोगों को बचाया है और मौजूदा बाढ़ के दौरान 1,250 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया है।

बल ने पहले बताए गए तीन जिलों के अलावा मुंबई, कोल्हापुर, ठाणे, पालघर, सांगली, सिंधुदुर्ग, नागपुर और पुणे के प्रभावित क्षेत्रों में राहत व बचाव कार्यों के लिए 34 टीमों को तैनात किया है। बचावकर्मी राहत सामग्री के वितरण और प्रभावित क्षेत्रों में सामान्य स्थिति लाने के लिए बिजली आपूर्ति बहाल करने में नागरिक प्रशासन की सहायता कर रहे थे।

राज्य सरकार के आंकड़ों के अनुसार, महाराष्ट्र के कुछ हिस्सों में बाढ़, भूस्खलन और बारिश से संबंधित अन्य घटनाओं के कारण मरने वालों की संख्या 149 तक पहुंच गई है। मानसून के प्रकोप के बाद 100 से अधिक लोग लापता हो गए थे। बयान में कहा गया है कि इन घटनाओं में अब तक 50 लोग घायल भी हुए हैं।

इस बीच, बारिश के कारण महाराष्ट्र में कई राज्य और राष्ट्रीय राजमार्ग बंद कर दिए गए हैं। जबकि मुंबई-बेंगलुरु राजमार्ग आंशिक रूप से कोल्हापुर के पास जलमग्न था। कोल्हापुर-पुणे, मुंबई-गोवा, कोल्हापुर-रत्नागिरी भी रत्नागिरी, कोल्हापुर और सिंधुदुर्ग भी बंद थे।

मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा है कि बाढ़ प्रभावित जिलों की पूरी समीक्षा करने के बाद राहत पैकेज की घोषणा करेंगे। नुकसान की समीक्षा के लिए उनके आज पश्चिमी महाराष्ट्र के इलाकों का दौरा करने की संभावना है।