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मिशन 2022: बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व का UP के सांसदों के साथ दिल्ली में मंथन,


  • उत्तर प्रदेश में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव में 2017 जैसे नतीजे दोहराने के लिए बीजेपी ने तैयारियां शुरू कर दी हैं. कार्यकर्ताओं को जिम्मेदारी सौंपने के बाद बीजेपी अब सांसदों को यूपी मिशन में लगाने जा रही है. इसी के तहत पार्टी के राष्ट्रीय नेतृत्व में यूपी चुनाव को लेकर दिल्ली में दो दिवसीय बैठक बुधवार से शुरू हो रही है, जिसमें यूपी के सभी सांसद शामिल होंगे. माना जा रहा है कि बीजेपी सांसदों से फीडबैक लेने के साथ ही 2022 के चुनाव का खाका तैयार करेगी.

दिल्ली में बीजेपी उत्तर प्रदेश के सभी छह क्षेत्रों ब्रज, पश्चिम, कानपुर, अवध, काशी और गोरखपुर क्षेत्र के सांसदों के साथ बैठक करेगी. इस बैठक में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, यूपी बीजेपी अध्यक्ष स्वतंत्र देव, प्रदेश संगठन मंत्री सुनील बंसल और यूपी प्रभारी राधामोहन सिंह मौजूद रहेंगे. बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा भी इस बैठक में शामिल हो सकते हैं.

2017 में यूपी की बागडोर संभालने के बाद यह पहला मौका है, जब दिल्ली में सीएम योगी और यूपी के सभी सांसदों के साथ बैठक हो रही है. संसद का मॉनसून सत्र चल रहा है, इसलिए सभी सांसद दिल्ली में ही मौजूद हैं. उत्तर प्रदेश से संबंधित राज्यसभा सदस्य भी बैठकों में बुलाए गए हैं. माना जा रहा है कि इस बैठक में सभी सांसदों को पार्टी अपने-अपने संसदीय क्षेत्र में पार्टी को जिताने की जिम्मेदारी सौंपी जाएगी और उनके लिए प्रवास व अन्य कार्यक्रम तय किए जाने हैं.

दिल्ली में होने वाली बैठक के पहले दिन बुधवार को यूपी के बृज, पश्चिम और कानपुर क्षेत्र के सांसदों के साथ होगी बैठक होगी. वहीं, गुरुवार को यूपी के अवध, काशी और गोरखपुर क्षेत्र के सांसदों के साथ बैठक होगी. बैठक का मकसद 2022 की रणनीति और उसमें सांसदों की भूमिका को लेकर है. बैठक में सांसदों के साथ उनके क्षेत्र के सियासी मिजाज को समझने और सभी 62 सांसदों को उनके संसदीय क्षेत्र के विधानसभा का प्रभारी बनाकर चुनावी जिताने की जिम्मेदारी सौंपी जा सकती है.

माना जा रहा है कि बीजेपी ने जिस तरह से सरकार ने अपने मंत्रियों को जिलों का प्रभारी बनाया है, उसी तरह अब सांसदों को भी विधानसभा के प्रभारी बनाने की दिशा में कदम उठा सकती है. सांसदों की जिम्मेदारी अपने प्रभार वाले विधानसभा को जिताने की जिम्मेदारी होगी. ऐसे में उन्हें अपने संसदीय क्षेत्र में ज्यादा से ज्यादा समय देना होगा.