नई दिल्ली, । आज दिल्ली में मुख्य सचिवों के दूसरे राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है। इस तीन दिवसीय सम्मेलन की शुरुआत 5 जनवरी को हुई थी। शुक्रवार और शनिवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी इस बैठक की अध्यक्षता कर रहे हैं। इस सम्मेलन में राज्यों के साथ साझेदारी में तेजी और निरंतर आर्थिक विकास हासिल करने पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। इस सम्मेलन के जरिए बताने का प्रयास किया जाएगा कि देश के विकास और तरक्की के लिए केन्द्रीय मंत्रालय और विभाग आपस में मिलकर सहकारी संघवाद एक महत्वपूर्ण पिलर है। मुख्य सचिवों का पहला ऐसा सम्मेलन जून 2022 में हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला में आयोजित किया गया था।
राज्यों के साथ साझेदारी पर फोकस
तीन दिवसीय सम्मेलन, राज्यों के साथ साझेदारी में तीव्र और निरंतर आर्थिक विकास को हासिल करने पर केंद्रित होगा। इसमें 200 से अधिक लोग भाग ले रहे हैं। इसमें केंद्र सरकार के प्रतिनिधि, सभी राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिव और अन्य वरिष्ठ अधिकारी और विशेषज्ञ शामिल हैं।
इस सम्मेलन में विकास और रोजगार सृजन तथा समावेशी मानव विकास पर जोर देते हुए विकसित भारत का लक्ष्य प्राप्त करने के लिए सहयोगी कार्य योजना का आधार तैयार किया जाएगा। केंद्र और राज्य सरकारों के बीच भागीदारी को और बढ़ावा देने की दिशा में यह सम्मेलन एक प्रमुख कदम होगा।
अहम मुद्दों पर होगी चर्चा
पीएमओ द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक इस सम्मेलन में एमएसएमई, बुनियादी ढांचे, अनुपालन को कम करने, महिला सशक्तिकरण, स्वास्थ्य और पोषण, कौशल विकास सहित 6 विषयों पर चर्चा होगी। पिछले तीन महीनों से प्रमुख मंत्रालयों, नीति आयोग, राज्यों, केन्द्र शासित प्रदेशों और इन विषयों से संबंधित विशेषज्ञों के बीच विचार-विमर्श हो रहा है।