रूसी सेना के वरिष्ठ अधिकारी अब इस बात पर चर्चा करने लगे हैं कि यूक्रेन में कब और कैसे परमाणु हथियारों का इस्तेमाल किया जाए। एक रिपोर्ट में कहा दावा किया गया है। इसमें कहा गया है कि रूसी सेना के अधिकारियों की चर्चा का विषय अब परमाणु हथियारों के इस्तेमाल पर फोकस है। बता दें कि अमेरिका पहले ही इस तरह की चेतावनी दे चुका है की रूस यूक्रेन में परमाणु हथियारों का इस्तेमाल कर सकता है। अब इन ताजा चर्चाओं ने चिंता को और बढ़ा दिया है। हालांकि न्यूयॉर्क टाइम्स ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन इस बैठक का हिस्सा नहीं थे। रिपोर्ट के मुताबिक बैठक से पता चलता है कि परमाणु हथियारों के इस्तेमाल को लेकर पुतिन के बार-बार दिए गए बयान किसी घमकी से ज्यादा हो सकते हैं। इसमें कहा गया है कि चर्चा ने जो बाइडन प्रशासन को भी चिंतित कर दिया है। यूक्रेन में संभावित परमाणु हथियारों के इस्तेमाल पर रूसी चर्चा ने उसकी हार की ओर भी इशारा किया है। रूसी जनरल युद्ध के मैदान में अपनी विफलताओं के कारण निराश हैं इसीलिए वे परमाणु हथियारों के इस्तेमाल पर बात कर रहे हैं। हालांकि, अमेरिकी अधिकारियों ने अखबार को बताया कि अभी भी इस बात का कोई सबूत नहीं है कि रूस अपने परमाणु हथियारों को तैनात कर रहा है या हमले की कोई तैयारी कर रहा है। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि रूसी सेना के अधिकारियों की बातचीत के बारे में खुफिया जानकारी अक्टूबर के मध्य में अमेरिकी सरकार के अंदर प्रसारित की गई थी। सीआईए के निदेशक विलियम जे. बर्न्स ने पहले कहा था कि जीत हासिल करने के लिए व्लादिमीर पुतिन की “संभावित हताशा” और युद्ध में रूस की विफलताएं रूस को परमाणु हथियार का इस्तेमाल करने के लिए प्रेरित कर सकती हैं। संयुक्त राष्ट्र की परमाणु ऊर्जा एजेंसी के विशेषज्ञ मंगलवार को दो स्थलों का निरीक्षण कर रहे हैं, जिनके बारे में रूस ने दावा किया था कि वहां ‘डर्टी बम’ बनाये जा रहे हैं। इस बीच, यूक्रेन के राष्ट्रपति कार्यालय ने कहा कि रूस ने दक्षिणपूर्वी यूक्रेन के आठ क्षेत्रों को निशाना बना कर हमले किये और 24 घंटे में कम से कम चार नागरिक मारे गये, जबकि चार अन्य घायल हो गए। सोमवार को 10 क्षेत्रों में ऊर्जा से जुड़े बुनियादी ढांचों पर किये गये रूसी हमलों के कारण हजारों लोगों को बिजली-पानी के संकट का सामना करना पड़ रहा है। अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (आईएईए) प्रमुख राफ़ाएल मारियानो ग्रोस्सी ने एक बयान में कहा कि यूक्रेन में दो स्थानों पर निरीक्षण शुरू किया गया है और यह जल्द ही पूरा हो जाएगा। रूस के आरोपों के मद्देनजर यूक्रेन ने निरीक्षण करने का अनुरोध किया था। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन सहित शीर्ष रूसी अधिकारियों ने ये आरोप लगाये थे कि यूक्रेन एक तथाकथित ‘डर्टी बम’ का इस्तेमाल करने की तैयारी कर रहा है। ‘डर्टी बम’ रेडियोधर्मी सामग्री वाला एक विस्फोटक होता है। संयुक्त राष्ट्र में रूस के राजदूत वसीली नेबंजिया ने (संयुक्त राष्ट्र) पिछले हफ्ते सुरक्षा परिषद को लिखे एक पत्र में आरोप लगाया था कि यूक्रेन के परमाणु अनुसंधान केंद्र और खनन कंपनी को (राष्ट्रपति वोलोदिमीर) जेलेंस्की के शासन से ‘‘एक डर्टी बम विकसित करने के सीधे आदेश मिले हैं।’’ रूस ने बगैर साक्ष्य मुहैया कराये, आरोप लगाया था कि यूक्रेन भी रूस के जैसे ही इस तरह का कथित बम बनाने की योजना बना रहा है। पश्चिमी देशों ने आरोप को खारिज करते हुए इसे पूरी तरह से झूठा करार दिया था।