यूपी में कोरोना के खिलाफ जंग में पत्रकारों, जजों व सरकारी अधिकारी व कर्मचारियों को फ्रंटलाइन वर्कर घोषित किया गया है। अब उन्हें प्राथमिकता के आधार पर कोरोना का टीका लगाया जाएगा। बताया जा रहा है कि वैक्सीनेशन के लिए टीमें खुद जाकर संस्थानों में कैंप लगाएंगी और टीकाकरण किया जाएगा। उधर, पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने भी ऐलान किया है कि पत्रकार प्राथमिकता के आधार पर टीका लगवाने सहित उन सभी लाभों के लिए योग्य होंगे, जो बाकी फ्रंटलाइन वर्कर्स को राज्य सरकार मुहैया कराती है। पंजाब सरकार ने सूबे के मान्यता प्राप्त और येलो कार्ड धारक पत्रकारों को फ्रंटलाइन वॉरियर्स (Front Line Warriors) की सूची में शामिल कर लिया है।
तमिलनाडु विधानसभा चुनाव में जीत हासिल करने के बाद डीएमके चीफ एम के स्टालिन ने मीडिया कर्मियों को फ्रंटलाइन वर्कर मानने की बात कही है। उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा है कि इस समय में भी काम कर रहे मीडिया कर्मियों को फ्रंटलाइन वर्कर माना जाना चाहिए। इससे पहले सोमवार को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री बनर्जी ने भी अपने राज्य में पत्रकारों को फ्रंटलाइन वर्कर माने जाने की बात कही थी। वहीं राजस्थान में भी पत्रकारों को फ्रंटलाइन वर्कर्स घोषित किये जाने की मांग उठने लगी है। प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष डॉ. सतीश पूनिया ने मुख्यमंत्री से इस मुद्दे पर गंभीरता से विचार करने का आग्रह किया है। जोधपुर में सोमवार को डीएम के निर्देश पर पत्रकारों और उनके परिजनों को प्राथमिकता के आधार पर वैक्सीन दी गई।
इससे पहले बिहार, मध्य प्रदेश, उत्तराखंड और ओडिशा में भी मीडिया कर्मियों को फ्रंटलाइन वर्कर घोषित किया जा चुका है।आपको बता दें कि पत्रकार और मीडिया से जुड़े लोग पिछले एक साल से अधिक समय से अपनी जान जोखिम में डालकर जमीनी स्तर पर महामारी से संबंधित कवरेज कर रहे हैं। हालांकि बहुत से राज्यों ने पत्रकारों को फ्रंटलाइन वर्कर्स की कैटेगरी में शामिल करने के लिए अपनी तरफ से कदम उठाये, लेकिन भारत सरकार ने अभी तक इस संबंध में कोई निर्देश नहीं दिया है।