वाराणसी के सम्पूर्णानंद स्पोट्र्स स्टेडियम का संचालन करेगा साई
कैबिनेट में २० प्रस्तावों पर लगी मुहर
अयोध्या में होगा विश्वस्तरीय मंदिर संग्रहालय
लखनऊ (आससे.)। योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में मंगलवार को लोकभवन में कैबिनेट की बैठक हुई। बैठक में कैबिनेट के समक्ष 20 प्रस्ताव रखे गए, जिसमें से विकास और संगठनात्मक सुधारों से जुड़े 19 प्रस्तावों को कैबिनेट ने मंजूर किया है। इनमें अयोध्या को विश्वस्तरीय धार्मिक पर्यटन केंद्र बनाने, प्रदेश में औद्योगिक निवेश बढ़ाने के लिए कारोबारियों को बड़ी राहत देने, तथा खेल, पेयजल और दिव्यांगजन कल्याण से संबंधित अहम निर्णय शामिल हैं।इनमें राज्य में प्रत्येक मंडल मुख्यालय पर जिला दिव्यांग पुनर्वास केन्द्र स्थापना और पर्यटन क्षेत्र के लिए नई नियमावली के प्रस्ताव को मंजूरी मिली है। वाराणसी के सम्पूर्णानंद स्पोट्र्स स्टेडियम का संचालन अब साई करेगा योगी कैबिनेट ने वाराणसी में निर्माणाधीन डॉ. सम्पूर्णानंद स्पोट्र्स स्टेडियम, सिगरा के संचालन, प्रबंधन और रखरखाव तथा राष्ट्रीय उत्कृष्टता केंद्र की स्थापना के लिए ‘भारतीय खेल प्राधिकरण (साई) के साथ हुए एमओयू को मंजूरी दे दी है। बैठक के बाद वित्त एवं संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना ने मीडिया से बात करते हुए बताया कि कैबिनेट बैठक में दिव्यांगजनों के लिए एक अहम निर्णय लिया गया। सरकार ने राज्य के सभी 18 मंडलों में नए जिला दिव्यांग पुनर्वास केंद्र डीडीआरसी खोलने को मंजूरी दे दी है। वर्तमान में प्रदेश के 38 जिलों में ऐसे केंद्र चल रहे हैं। कुछ समस्याओं के कारण कई जगह संचालन प्रभावित हो रहा था। सरकार पूरे ढांचे को नए सिरे से संसाधनों से लैस करते हुए संचालित करने जा रही है, दिव्यांगजनों को मिलने वाली सेवाओं में कोई बाधा न आए। नए डीडीआरसी खुलने से प्रदेश में दिव्यांगजनों को एक ही जगह पर सर्वे, पहचान, शिविर, सहायक उपकरण, कृत्रिम अंग फिटमेंट और प्रशिक्षण जैसी सुविधाएं आसानी से उपलब्ध होंगी। फिजियोथेरेपी, स्पीच थेरेपी जैसी नैदानिक सेवाएं भी इन केंद्रों पर दी जाएंगी। यूडीआईडी कार्ड और दिव्यांग प्रमाणपत्र जैसे जरूरी दस्तावेज बनवाने में भी अब लोगों को ज्यादा चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे। इस फैसले से दिव्यांगजनों को योजनाओं का लाभ समय पर और सुगमता से मिल सकेगा तथा उनके पुनर्वास की पूरी प्रक्रिया मजबूत होगी। कैबिनेट ने शहरी पेयजल व्यवस्था को मजबूत करने के लिए दो महत्वपूर्ण परियोजनाओं को हरी झंडी दे दी है। अटल नवीकरण एवं शहरी रूपांतरण मिशन-अमृत 2.0 के तहत बरेली और कानपुर नगर निगम क्षेत्रों में पेयजल आपूर्ति सुधारने और नेटवर्क विस्तार के लिए 582.74 करोड़ की परियोजनाओं को मंजूरी मिली है। दोनों योजनाएं शहरों की बड़ी आबादी को स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराने में मील का पत्थर साबित होंगी।बरेली नगर निगम में पेयजल प्रणाली को नए सिरे से विकसित करने के लिए फेज-1 पुनर्गठन परियोजना को व्यय वित्त समिति से 26,595.46 लाख की स्वीकृति मिल चुकी है। इसमें केंद्र सरकार का हिस्सा 8,530.96 लाख, राज्य सरकार का 14,504.95 लाख रुपये और नगर निगम का अंश 2,559.55 लाख शामिल है। परियोजना के पूरा होने पर बरेली में लगभग 92 फीसदी आबादी, यानी करीब 9 लाख लोग, नियमित और सुरक्षित पेयजल आपूर्ति से कवर हो जाएंगे। कानपुर नगर निगम क्षेत्र के ईस्ट और साउथ सर्विस डिस्ट्रिक्ट में 100 फीसदी आबादी तक शुद्ध पेयजल पहुंचाने के लिए पाइपलाइन विस्तार परियोजना को 31,678.88 लाख की मंजूरी मिली है। इसमें भारत सरकार का योगदान 7,610.32 लाख, राज्य सरकार का 18,264.77 लाख और नगर निगम का हिस्सा 4,566.19 लाख है। परियोजना से कानपुर शहर के 33 वार्डों को सीधा लाभ मिलेगा और ईस्ट-साउथ जोन की पूरी आबादी को स्वच्छ पेयजल उपलब्ध होगा। जलजनित रोगों में भी कमी आने की उम्मीद है।
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