लखनऊ। नवरात्र में योगी मंत्रिमंडल के विस्तार की सुगबुगाहट तेज हो गई है। संकेत हैं कि मंत्रिमंडल का यह विस्तार सामान्य तौर पर होने वाले फेरबदल की तरह व्यापक नहीं होगा, बल्कि इसका दायरा सीमित होगा। एनडीए का दोबारा हिस्सा बने सुभासपा अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर को मंत्रिमंडल में जगह मिलना तय माना जा रहा है। वहीं सपा छोड़कर भाजपा में शामिल हुए दारा सिंह चौहान को भी मंत्री बनाए जाने की संभावना है।
राजभर के एनडीए और दारा सिंह चौहान के भाजपा में शामिल होने के बाद से ही उनके मंत्रिमंडल में शामिल होने की अटकलें लगाई जा रही थीं। घोसी उपचुनाव में मिली हार के बाद राजभर और चौहान दोनों निशाने पर थे।
हालांकि, भाजपा नेतृत्व से हुई बातचीत का दम भरते हुए राजभर लगातार मंत्री बनाए जाने का दावा कर रहे थे। वहीं घोसी में बतौर भाजपा प्रत्याशी मिली हार से बैकफुट पर आए दारा सिंह चौहान ने भी मंत्रिमंडल में अपनी संभावनाएं बरकरार रखने के लिए लखनऊ-दिल्ली एक कर दिया था।
उपचुनाव हारने के बावजूद चौहान को मंत्रिमंडल में स्थान देने से पार्टी कार्यकर्ताओं में अच्छा संदेश न जाने के तर्क को इस आधार पर भी खारिज किया जा रहा है कि पिछले विधानसभा चुनाव में कौशांबी से हारने के बाद भी केशव प्रसाद मौर्य को उप मुख्यमंत्री का ओहदा दिया गया था।
बिहार जातिगत जनगणना से गर्माया मुद्दा
इसी बीच बिहार में जाति आधारित गणना के नतीजे सार्वजनिक किए जाने के बाद यह मुद्दा देश और प्रदेश में भी गरमा गया है। पिछड़ी और अति पिछड़ी जातियों के संख्या बल को देखते हुए भाजपा भी इन्हें साधने में कोई कोर कसर बाकी नहीं रखना चाहती है।
ऐसे में पूर्वांचल के कई जिलों में राजनीतिक प्रभाव रखने वाली राजभर और लोनिया चौहान बिरादरियों को साधने के लिए दोनों नेताओं को नवरात्र के दौरान योगी सरकार में शामिल किया जा सकता है।