- नई दिल्ली। रूसी मिसाइल सिस्टम एस-400 की आपूर्ति को लेकर भारत पर अमेरिकी प्रतिबंधों की चर्चा गरम है। क्या भारत को अमेरिकी प्रतिबंधों का सामना करना पड़ सकता है। अमेरिका शुरू से ही रूसी एस-400 मिसाइल सिस्टम की आपूर्ति को लेकर खफा है। भारत और रूस के बीच यह रक्षा सौदा वर्ष 2018 में हुआ था, तब से अमेरिका इस रक्षा सौदे का पुरजोर विरोध कर रहा है। वह भारत पर प्रतिबंध लगाने की धमकी दे चुका है। हालांकि, भारत कई बार कह चुका है कि वह रूस के साथ इस समझौते को करने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है। अमेरिकी सीनेट में रिपब्लिकन पार्टी के कई नेता भारत के पक्ष में हैं। ऐसे में अब गेंद बाइडन प्रशासन के पाले में है कि वह क्या फैसला लेते हैं। इसके साथ आज यह भी जानेंगे कि अमेरिका किन प्रावधानों के तहत भारत को यह धमकी दे रहा है।
भारत के पक्ष में रिपब्लिकन पार्टी के शीर्ष सीनेटर
रिपब्लिकन पार्टी के एक शीर्ष सीनेटर ने रूस से एस-400 मिसाइल प्रणाली खरीदने पर भारत को प्रतिबंधों से छूट देने की बढ़ती मांगों का समर्थन किया है। भारत व दक्षिण पूर्व एशिया का दौरा करने वाले प्रतिनिधिमंडल के सदस्य रहे टामी टबरविले ने कहा कि हम रूस की एस-400 मिसाइल प्रणाली की खरीद के लिए भारत को प्रतिबंधों से छूट देने का समर्थन करते हैं। भारत के साथ हमारे संबंध मजबूत हो रहे हैं। उधर, अमेरिका ने रूस द्वारा भारत को एस-400 मिसाइल प्रणाली दिए जाने पर चिंता जताई है। इस बीच बाइडन प्रशासन ने अभी यह स्पष्ट नहीं किया है कि वह एस-400 मिसाइल प्रणाली की खरीद के लिए काउंटरिंग अमेरिकाज एडवरसरीज थ्रू सैंक्शंस एक्ट (सीएएटीएसए) के प्रविधानों के तहत भारत पर प्रतिबंध लागू करेगा या नहीं।