निर्माणकी प्रगति अपेक्षित न होनेपर अधिकारियोंको लगायी फटकार
गोरखपुर (आससे.)। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार शाम टीपीनगर चौक से पैडलेगंज मार्ग पर निर्माणाधीन गोरखपुर के पहले सिक्सलेन फ्लाई ओवर के निर्माण कार्य का निरीक्षण किया। फ्लाईओवर के पिलर संख्या 62-63 और 18-19 के पास जायजा लेने के दौरान उन्होंने निर्माण कार्य की प्रगति अपेक्षित न होने पर नाराजगी जताई। इसके लिए उन्होंने कार्यदायी संस्था के अधिकारियों को फटकार लगाते हुए कहा कि मानसून थमने से लेकर अबतक का समय काम में तेजी लाने के लिए बेहद अनुकूल था। उन्होंने सवाल किया कि आखिर इस पर ध्यान क्यों नहीं दिया गया। अधिकारियों के पास कोई जवाब नहीं होने पर मुख्यमंत्री ने चेतावनी भरे लहजे में नसीहत दी कि सामान्य और टेक्निकल मैनपॉवर तथा मशीन, उपकरण जैसे संसाधन बढ़ाकर काम को तय समय सीमा में तेजी से पूरा किया जाए। उन्होंने धर्मशाला बाजार से पांडेयहाता तक बन रहे विरासत गलियारा से किसी भी दुकानदार का हित कतई प्रभावित नहीं होने दिया जाएगा। जिन दुकानदारों की पूरी दुकान इस गलियारा के दायरे में आ गई है या फिर जिनकी दुकानों का आकार बहुत अधिक छोटा हो गया है, उन्हें एक कामर्शियल कॉम्प्लेक्स बनाकर उसमें दुकानें दी जाएंगी। इस नई व्यवस्था के लिए सीएम योगी ने गोरखपुर विकास प्राधिकरण (जीडीए) और नगर निगम के अधिकारियों को जरूरी तैयारी करने के लिए निर्देशित किया है। बिहार के विधानसभा चुनाव में भाजपा प्रत्याशियों के लिए प्रचार करने के बाद मंगलवार शाम गोरखपुर पहुंचे मुख्यमंत्री सबसे पहले नहर रोड स्थित आजाद चौक आए। यहां उन्होंने सिक्सलेन फ्लाईओवर के पिलर संख्या 62-63 के पास रुककर निर्माण की अद्यतन प्रगति की जानकारी ली। 429 करोड़ 49 लाख रुपये की लागत वाले गोरखपुर के इस पहले सिक्सलेन फ्लाई ओवर का निर्माण फरवरी 2023 में शुरू हुआ था और कार्य जनवरी 2026 तक पूरा किया जाना लक्षित है। कार्यदायी संस्था उत्तर प्रदेश सेतु निगम लिमिटेड के अधिकारियों ने मुख्यमंत्री को बताया कि 2.6 किमी लंबे और कुल 77 पिलर वाले इस फ्लाईओवर के निर्माण की भौतिक प्रगति 72 प्रतिशत से अधिक है। लक्षित समय तक कार्य पूरा करने की कड़ी चेतावनी देने के साथ ही मुख्यमंत्री ने कहा कि पिलर पर स्लैब डालते वक्त सिक्योरिटी और सेफ्टी के सभी इंतजाम हर हाल में सुनिश्चित किए जाएं। मुख्यमंत्री ने फ्लाईओवर के ड्राइंग मैप का अवलोकन करते हुए सभी पिलर पर स्लैब पड़ने की स्थिति के बारे में पूछा तो सेतु निगम के अधिकारियों ने बताया कि 77 में से 55 पिलर पर स्लैब पड़ चुके हैं। जनवरी 2026 तक बाकी पिलर पर भी स्लैब डाल दिए जाएंगे। सिक्सलेन फ्लाईओवर के निरीक्षण के दौरान सीएम योगी ने सड़क के दोनों तरफ नालों की स्थिति का भी अवलोकन किया। शहर के टीपी नगर चौक से पैडलेगंज मार्ग पर बन रहे सिक्सलेन फ्लाईओवर का जायजा लेने के बाद सीएम योगी विरासत गलियारा के निर्माण कार्य को देखने-परखने पहुंचे थे। मुख्यमंत्री ने विरासत गलियारा का निर्माण कार्य तेज करने और गुणवत्ता पर खास जोर देने के निर्देश कार्यदायी संस्था लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों को दिए। चेतावनी भी दी कि गुणवत्ता में किसी भी तरह की लापरवाही अक्षम्य होगी।
विरासत गलियारा का निरीक्षण करने के लिए सीएम योगी पांडेयहाता चौराहा, घंटाघर, हजारीपुर और जटाशंकर चौराहा पर रुके। वह सबसे पांडेयहाता चौराहा पहुंचे। शिवम टॉवर के पास ड्राइंग मैप देखने के बाद मुख्यमंत्री ने कहा कि इस गलियारा के निर्माण में जितने भी मकान और दुकान आए हैं, उनका मुआवजा हर हाल में दिया जाना सुनिश्चित होना चाहिए। कोई भी छूटना नहीं चाहिए। यदि किसी नागरिक की दुकान शत प्रतिशत प्रभावित हो गई हो या अत्यंत छोटी हो गई हो तो उनके कारोबारी समायोजन के लिए जीडीए या नगर निगम की तरफ से एक कामर्शियल कॉम्प्लेक्स बनाया जाए। यहां उन्होंने टूट रही दुकानों का मलबा निस्तारित करने, सड़क का स्लोप बेहतर करने और तारों को अंडरग्राउंड करने के निर्देश दिए। पांडेयहाता चौराहा के बाद सीएम योगी ने घंटाघर में विरासत गलियारा के साथ ही घंटाघर के सुंदरीकरण प्रोजेक्ट की भी जानकारी ली। यहां उन्होंने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि विरासत गलियारा के तहत सड़क का निर्माण बीच-बीच मे न करके एक तरफ से किया जाए ताकि दुकानदारों को अपने दुकान को पुनर्व्यवस्थित करने में किसी तरह की परेशानी न हो।
विरासत गलियारा के निरीक्षण के क्रम में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ हजारीपुर में भी रुके। निर्माण का लेआउट देखने के बाद उन्होंने सख्त चेतावनी दी कि सड़क का निर्माण पूरी गुणवत्ता के साथ होनी चाहिए। गुणवत्ता में किसी तरह की खामी पाई गई तो जिम्मेदार लोग कड़ी कार्रवाई का सामना करने के तैयार रहेंगे। उन्होंने गुणवत्ता का विशेष ध्यान रखते हुए कार्य में तेजी लाने के निर्देश दिए। चेताया कि समय पर काम पूरा न होने को भी लापरवाही माना जाएगा। गुणवत्ता हो या समय सीमा, दोनों के मामले में किसी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
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