नितिन गडकरी ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि 2025 से पहले सड़क दुर्घटनाओं में होने वाली मौतों में 50 फीसदी की कमी आयेगी. उन्होंने यह भी कहा था कि अगर हम 2030 तक इंतजार करते रहे, तो सड़क दुर्घटनाओं के कारण कम से कम 6-7 लाख लोग और मरेंगे. हम लोगों को मरता नहीं देख सकते. कुछ कड़े फैसले लेने होंगे. लोगों को सड़क सुरक्षा के प्रति जागरूक करने के साथ-साथ सरकार के स्तर पर भी काम में तेजी लानी होगी.
उद्योग निकाय फिक्की द्वारा आयोजित एक वर्चुअल कार्यक्रम को संबोधित करते हुए गडकरी ने कहा कि सड़क दुर्घटनाओं के कारण हर साल लगभग 1.5 लाख लोग मारे जाते हैं… हम मौतों और दुर्घटनाओं में 2024 से पहले 50 प्रतिशत की कमी करेंगे. यह मेरा आंतरिक लक्ष्य है. वर्तमान में, भारत में सड़क दुर्घटनाओं के कारण प्रतिदिन 400 से अधिक लोगों की मृत्यु होती है. भारत में सालाना पांच लाख सड़क दुर्घटनाएं होती हैं.
नितिन गडकरी का चार ‘E’ फॉर्मूला
नितिन गडकरी ने इस रिकॉर्ड को पिछले सात वर्षों में अपने मंत्रालय की सबसे बड़ी विफलताओं में से एक के रूप में सूचीबद्ध किया था. गडकरी ने आंकड़ों को कम करने के लिए भारतीय सड़कों पर सड़क की गुणवत्ता और सुरक्षा उपायों पर जोर दिया. उनका मंत्रालय भारतीय सड़कों से काले धब्बे कम करने के लिए सक्रिय रूप से काम कर रहा है. गडकरी ने बताया कि लगभग 50 प्रतिशत सड़क दुर्घटनाएं सड़क इंजीनियरिंग की समस्याओं के कारण होती हैं.
गडकरी ने कहा कि उनका मंत्रालय सड़क सुरक्षा के चार ‘ई’ – इंजीनियरिंग (सड़क और ऑटोमोबाइल इंजीनियरिंग सहित), इकोनॉमी (Economy), इंफोर्समेंट (Enforcement) और एजुकेशन (Education) मजबूत करके सड़क दुर्घटना में होने वाली मौतों को कम करने के लिए कड़ी मेहनत कर रहा है. गडकरी ने यह भी कहा कि सड़क दुर्घटनाओं में हताहतों की संख्या को कम करने में मंत्रालय की मदद करने के लिए बीमा कंपनियों को सड़क सुरक्षा गतिविधियों के संबंध में अधिक सहयोग करने की आवश्यकता है.