- लखनऊ/ कानपुर देहात. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने रविवार को कहा कि उन्होंने सपने में भी कभी नहीं सोचा था कि वह देश के सर्वोच्च पद पर आसीन होंगे। कोविंद ने कानपुर देहात जिले के परौंख गांव अपनी जन्मस्थली) में एक सभा को संबोधित करते हुए कहा, “मैंने सपने में भी नहीं सोचा था कि मुझे देश के सर्वोच्च पद पर आसीन होने का सम्मान मिलेगा, लेकिन हमारी लोकतांत्रिक व्यवस्था ने ऐसा कर दिखाया।”
राष्ट्रपति ने स्वतंत्रता सेनानियों और संविधान निर्माताओं को भी श्रद्धांजलि दी और कहा, “आज मैं जहां भी पहुंचा हूं, उसका श्रेय इस गांव की मिट्टी, इस क्षेत्र और आपके प्यार एवं आशीर्वाद को जाता है। बुजुर्गों को माता-पिता की तरह सम्मान देना हमारे संस्कार हैं और मुझे खुशी है कि हमारे परिवार में बड़ों को सम्मान देने की यह परंपरा अब भी जारी है।”
कोविंद ने कहा, “मैं कहीं भी रहूं, मेरे गांव की मिट्टी की खुशबू और मेरे गांव के लोगों की यादें हमेशा मेरे दिल में बसी रहेंगी। परौंख गांव मेरी ‘मातृभूमि’ है, जहां से मुझे देश सेवा करने की प्रेरणा मिलती रही है।” राष्ट्रपति ने कहा, “‘मातृभूमि’ से मिली इस प्रेरणा ने मुझे उच्च न्यायालय से उच्चतम न्यायालय, उच्चतम न्यायालय से राज्य सभा, राज्य सभा से राजभवन और राजभवन से राष्ट्रपति भवन तक पहुंचाया है।”
राष्ट्रपति कोविंद रविवार सुबह परौंख गांव में अपने जन्म स्थान पहुंचे जहां उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उनका स्वागत किया। पुलिस अधीक्षक के जन संपर्क अधिकारी विकास राय ने बताया कि पटेल और आदित्यनाथ ने कोविंद का उनके पैतृक गांव परौंख में स्वागत किया। कोविंद अपनी पत्नी और बेटी के साथ पथरी देवी मंदिर गए, जहां उन्होंने पूजा-अर्चना की। उन्होंने उत्तर प्रदेश के राज्यपाल और मुख्यमंत्री के साथ परौंख गांव का दौरा किया।
कोविंद परौंख गांव के प्राथमिक स्कूल पहुंचे, जहां उन्हें लोगों को संबोधित किया। कोविंद अपने पुराने परिचितों, विधायकों और भाजपा पदाधिकारियों सहित जनप्रतिनिधियों से भी बातचीत करेंगे। वह पुखरायां जाएंगे, जहां वह 60 से अधिक लोगों से मुलाकात करेंगे। राष्ट्रपति 28 और 29 जून को लखनऊ रहेंगे।
राष्ट्रपति के कार्यक्रम के मुताबिक, वह सोमवार को कानपुर से पूर्वाह्न 10 बजकर 20 मिनट पर विशेष ट्रेन से लखनऊ के लिए रवाना होंगे और वह पूर्वाह्न 11 बजकर 50 मिनट पर लखनऊ रेलवे स्टेशन पहुंचेंगे। रेलवे स्टेशन से वह सीधे राजभवन आएंगे, जहां वह दोपहर का भोजन करेंगे।