- नई दिल्ली। स्वामी रामदेव ने कहा कि कोरोनिल समेत पतंजलि की तमाम दवाएं साइंटिफिक रिसर्च के बाद तैयार की गई हैं। विश्व के टॉप जनरल्स में शोध पत्र प्रकाशित हुए हैं। अगर हमने आई.एम.ए. से वैलिडेशन नहीं कराया, तो क्या इस पर आपत्ति है। हमने उनको पत्र नहीं लिखा, पैसे नहीं दिए। उन्होंने कहा कि एलोपैथी कोई धंधापैथी नहीं है।
रामदेव ने कहा कि उनकी डाक्टरों से कोई लड़ाई नहीं है। जो भी एक दो हजार डॉक्टर उनके यहां आना चाहते हैं, आ जाएं। उनकी निशुल्क व्यवस्था करेंगे। जिनके पास किराया नहीं है, उनको किराया भाड़ा भी देंगे। उनका बीपी, शुगर, थायराइड क्योर करके देंगे जिन्हें वे केवल कंट्रोल कर पाते हैं। किसी से एक चवन्नी नहीं लेंगे। कुछ लोगों को केवल भगवा कपड़े से आपत्ति है।
सोशल मीडिया पर शेयर किए गए एक वीडियो में स्वामी रामदेव ने कहा कि आई.एम.ए. कोई साइंटिफिक बॉडी नहीं है। इनके पास ना कोई लैब है, ना कोई साइंटिस्ट। यह एक एन.जी.ओ. है। कुछ डॉक्टर देखा देखी, इसके मेंबर बन गए। आई.एम.ए. कभी पेंट को प्रमाणित करता है, कभी झाड़ू पोंछा लगाने वाली चीज को प्रमाणित करते हैं, कभी बल्ब को। उन्होंने कहा कि आई.एम.ए. अध्यक्ष ने तो हद कर दी। उनके अध्यक्ष कह रहे थे कि यह कन्वर्जन का अच्छा मौका है। एलोपैथी को ओझा पैथी बनाने का प्रयास कर रहे थे।