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अंतरराष्ट्रीय मंच से धर्मेंद्र प्रधान ने अरविंद केजरीवाल को दिया जवाब, G-20 बैठक में गिनाई नई शिक्षा नीति की उपलब्धि


नई दिल्ली। देश में वर्चुअल स्कूल के श्रेय को लेकर एक दिन पहले दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और केंद्र सरकार के बीच जो जंग छिड़ी, गुरुवार को अंतरराष्ट्रीय मंच से केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने उसका भी जवाब दे दिया। बाली में हो रहे जी-20 शिक्षा मंत्रियों की बैठक में प्रधान ने हर चुनौतियों का सामने करने के लिए जहां शिक्षा के केंद्र बिंदु बताया।

इस दौरान उन्होंने कहा कि भारत में वर्चुअल स्कूल काफी पहले शरू हो चुके हैं, और अब हम डिजिटल यूनीवर्सिटी और अलग अलग भाषाओं में शिक्षा देने के लिए 260 से ज्यादा टीवी चैनल की शुरूआत करने वाले हैं। एक दिन पहले ही केजरीवाल ने दावा किया था कि दिल्ली सरकार की ओर से शुरू किया गया वर्चुअल स्कूल देश का पहला स्कूल है।

प्रधान जी-20 में हिस्सा लेने तीन दिन से बाली में हैं जहां शिक्षा के क्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सहयोग और एक दूसरे की अच्छी पहल पर चर्चा हुई।

नई शिक्षा नीति को बदलाव का बताया अहम मंत्र

प्रधान ने नरेन्द्र मोदी सरकार में लाई गई नई शिक्षा नीति को बदलाव का अहम तंत्र बताते हुए कहा कि इसका मूल मंत्र हर किसी के लिए शिक्षा की उपलब्धता, समानता, गुणवत्ता सुनिश्चित करने के साथ साथ हर किसी के साम‌र्थ्य के लायक भी बनाना है।

पूरे विश्व में इसी आधार पर शिक्षा को आंका जाना चाहिए क्योंकि यही हर चुनौती से जूझने का मंत्र है। इसी क्रम में उन्होंने वर्चुअल स्कूल का जिक्र किया जो जाहिर तौर पर विदेश के मंच से ही केजरीवाल के दावे का जवाब माना जा रहा है।

केंद्र सरकार पहले ही चला रही है वर्चुअल स्कूल

गुरुवार को NIOS (नेशनल इंस्टीट्यूट आफ ओपन स्कूलिंग) की अध्यक्ष सरोज शर्मा ने भी कहा कि केंद्र सरकार पहले ही वर्चुअल स्कूल चला रही है और दिल्ली सरकार चाहे तो उसे हर मदद दी जा सकती है। बाली में प्रधान ने सिंगापुर से शिक्षा मंत्री मोहम्मद मालिकी बिन ओस्मान और संयुक्त अरब अमीरात के शिक्षा मंत्री अहमद अल फलासी से भी द्विपक्षीय चर्चा की।