लखनऊ : एक तरफ योगी सरकार द्वारा अपराध के प्रति जीरो टॉलरेंस नीति के तहत माफियों पर कानूनी शिकंजा कसने की तैयारियां जोर पकड़ रही हैं तो दूसरी तरफ एक के बाद एक माफियों की मौत से उत्तर प्रदेश के माफियों की लिस्ट कुछ छोटी हुई है। अतीक अहमद और जीवा हत्याकांड के बाद खान मुबारक की मौत से तीन बड़े नाम लिस्ट से हट गए हैं।
प्रदेश के सूचीबद्ध माफिया की बात करें तो इनमें पांच माफिया फरार हैं, जिनकी पुलिस लंबे समय से तलाश कर रही है। जबकि बृजेश सिंह समेत बीस माफिया जमानत पर बाहर हैं। पुलिस उनकी गतिविधियों पर नजर रखने के साथ ही उनके मुकदमों में और प्रभावी पैरवी की रणनीति के तहत कदम बढ़ा रही है।
मुख्तार अंसारी समेत 40 माफिया वर्तमान में जेल में हैं। इनमें अजय सिपाही ने बीते दिनों ही समर्पण किया था। जबकि चिन्हित 66 माफिया की सूची में शामिल रहे अतीक अहमद की पुलिस अभिरक्षा में हत्या हो चुकी है और पुलिस अभिरक्षा से भाग निकले आदित्य राणा उर्फ रवि मुठभेड़ में मारा गया था।
माफिया सूची में शामिल पिश्चिमी उत्तर प्रदेश का कुख्यात बदन सिंह उर्फ बद्दो, सहारनपुर निवासी पूर्व एमएलसी हाजी इकबाल उर्फ बाला, गौतमबुद्धनगर का मनोज उर्फ आसे, मेरठ का विनय त्यागी उर्फ टिंकू, लखनऊ का जुगनूवालिया उर्फ हरिविंदर तथा प्रयागराज का जोवद उर्फ पप्पू भी फरार चल रहा है। इन सभी की पुलिस तलाश कर रही है।
इसके अलावा माफिया बृजेश कुमार सिंह, सुशील उर्फ मूंछ, विनोद शर्मा, एजाज, डब्बू सिंह उर्फ प्रदीप सिंह, गुड्डू सिंह, अनूप सिंह, संजीव द्विवेदी, राकेश यादव, सुधीर कुमार सिंह, विनोद कुमार उपाध्याय, राजन तिवारी, सउद अख्तर, लल्लू यादव, बच्चू यादव, राजेश यादव, गणेश यादव, कम्मू उर्फ कमरुल हसन व जाबिर हुसैन जमानत पर बाहर हैं।
जेल में है यह माफिया
मुख्तार अंसारी, उधम सिंह, यागेश भदौड़ा, हाजी याकूब कुरैशी, शारिक, सुनील राठी, धर्मेंद्र, यशपाल तोमर, अमर पाल उर्फ कालू, अनुज बरखा, विक्रांत उर्फ विक्की, अनिल चौधरी, ऋषि कुमार शर्मा, अनुपम दुबे, खान मुबारक समेत 38 माफिया जेल में हैं।