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अप्रैल के आखिर में भारत पहुंचेगी Sputnik V की पहली खेप,


नई दिल्ली. भारत (India) में जारी वैक्सीन कार्यक्रम को रफ्तार मिलने जा रही है. रूस की वैक्सीन स्पूतनिक 5 (Sputnik V) की पहली खेप अगले 10 दिनों में भारत आ रही है. साथ ही देश में वैक्सीन का उत्पादन मई में शुरू हो जाएगा. इस बात की जानकारी भारतीय राजदूत बाला वेंकटेश वर्मा ने दी है. उन्होंने बताया कि उत्पादन 5 करोड़ डोज प्रति महीने हो सकता है. खास बात है कि स्पूतनिक 5 भारत में इस्तेमाल होने वाली तीसरी वैक्सीन होगी.

ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया ने फिलहाल कोवैक्सीन और कोविशील्ड को आपातकालीन इस्तेमाल की अनुमति दी है. वेंकटेश ने पत्रकारों को बताया कि वैक्सीन का पहला शिपमेंट इस महीने के अंत तक आएंगे और उत्पादन मई में शुरू होगा. उन्होंने जानकारी दी है कि इसे धीरे-धीरे बढ़ाया जाएगा. कोरोना वायरस के खिलाफ रूस की वैक्सीन स्पूतनिक को मंजूरी देने वाला भारत 60वां देश बन गया है.

डीसीजीआई ने बीते हफ्ते वैक्सीन को आपातकालीन इस्तेमाल प्रक्रिया के लिए रजिस्टर कर लिया है. रूस में हुए क्लीनिकल ट्रायल्स के साथ-साथ भारत में डॉक्टर रेड्डी लैबोरेट्री के साथ मिलकर अतिरिक्त तीसरे चरण के लोकल ट्रायल्स किए गए थे. डॉक्टर रेड्डीज लैब ने जानकारी दी थी कि वैक्सीन की कीमतों को लेकर चर्चा जारी है. फिलहाल भारत में सीरम इंस्टीट्यूट में तैयार हुआ ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका की कोविशील्ड और भारत बायोटेक की कोवैक्सीन को आपातकालीन इस्तेमाल की मंजूरी मिल चुकी है.
RDIF के सीईओ किरिल दिमित्रीव ने वर्चुअल प्रेस कॉन्फ्रें के दौरान कहा कि 5 ड्रग कंपनियों के अलावा वे उत्पादन समझौते के लिए दूसरी कंपनियों को भी तलाश रहे हैं. उन्होंने कहा, ‘हमें लगभग लगता है कि स्पूतनिक 5 भारतीय-रूसी वैक्सीन है, क्योंकि इसका ज्यादातर उत्पादन भारत में किया जाएगा. हमने भारत की बड़ी फार्मास्युटिकल कंपनियों के साथ सार्वजनिक तौर पर भारत में पांच साझेदारों की घोषणा की है.’ इससे पहले जारी विज्ञप्ति के अनुसार, RDIF ने भारत की ग्लैंड फार्मा, हेटेरो बायोफार्मा, पैनेशिया बायोटेक, स्टेलिस बायोफार्मा और विरचो बायोटेक के साथ करार किया है.