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अभियान चलाकर पत‍ि-पत्‍नी को एक जगह तैनात करेगा रेलवे, बोर्ड ने जारी किया आदेश


गोरखपुर, । रेलवे में एक साथ काम कर रहे पति और पत्नी की दूरियां खत्म होंगी। अब वे पास रहकर अपने दांपत्य जीवन को खुशहाल बनाने के साथ रेलवे का विकास करेंगे। रेलवे बोर्ड ने भारतीय रेलवे स्तर पर एक- दूसरे से दूर रहकर रेलवे की सेवा में लगे दंपती की मनोभावों को गहराई से समझा है। पति और पत्नी को नजदीक लाने के लिए रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष विनय कुमार त्रिपाठी ने रेलवे के सभी जोनल महाप्रबंधकों को चिट्ठी लिखी है। उन्होंने दंपती की नजदीकियां बढ़ाने के लिए महाप्रबंधकों को 16 सितंबर तक का समय दिया है। साथ ही कहा है कि अभियान चलाकर उनकी एक स्थल (मुख्यालय, मंडल और कारखाना आदि) पर एक साथ तैनाती कर रेल मंत्रालय को अवगत कराएं।

रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष ने सभी महाप्रबंधकों को लिखी चिट्ठी

पत्र के माध्यम से रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष ने कहा है कि शिकायत मिल रही है कि आवेदन के बाद भी दंपती का एक स्थल पर तैनाती नहीं हो पा रही। महाप्रबंधक स्वयं रुचि लेकर लंबित पड़े ट्रांसफर के आवेदनों पर विचार कर उसे हर हाल में निस्तारित करें।

एनईआर में इतने आवेदन हैं लंबित

भारतीय रेलवे स्तर पर पति और पत्नी के ट्रांसफर अप्लीकेशन (स्थानांतरण आवेदन) संबंधित विभागों और अधिकारियों की उदासीनता की भेंट चढ़ रहे हैं। रेलवे प्रशासन भी पति या पत्नी के एक स्थल पर ट्रांसफर का आवेदन को संज्ञान नहीं ले रहा। पूर्वोत्तर रेलवे के मुख्यालय गोरखपुर में ही लगभग आधा दर्जन आवेदन ट्रांसफर की कार्रवाई का इंतजार कर रहे हैं।

दूसरे जोन में काम करने के कारण लेनी पड़ती हैं लंबी छुट्टियां

दंपती की एक स्थल पर एक साथ कार्य करने की इच्छा दम तोड़ रही है। रेलवे में ऐसे भी अधिकारी और कर्मचारी हैं जो पति-पत्नी होते हुए भी एकसाथ नहीं रह पाते हैं। दूसरे मंडल या जोन में कार्य करने के चलते उन्हें एकसाथ रहने के लिए समय-समय पर लंबी छुट्टियां लेनी पड़ती हैं। रेलकर्मियों का दांपत्य जीवन के साथ रेलवे के कार्य भी प्रभावित होते हैं।

रेलकर्मियों को बेहतर वातावरण प्रदान करने के लिए समय समय पर आवश्यक निर्णय लिए जाते हैं। इसीक्रम में स्पाउस के आधार पर पेंडिंग ट्रांसफर मामलों को प्राथमिकता के आधार पर निपटारा करने के लिए निर्देश दिए गए हैं। – पंकज कुमार सिंह, मुख्य जनसंपर्क अधिकारी- पूर्वोत्तर रेलवे।