नई दिल्ली। तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी के वकील बुधवार को दिल्ली पुलिस के समक्ष पेश हुए। दरअसल, गृह मंत्री अमित शाह के फेक वीडियो को सोशल मीडिया पर शेयर करने के आरोप में दिल्ली पुलिस ने उन्हें पूछताछ के लिए समन भेजा था। दिल्ली पुलिस ने रेड्डी को एक्स हैंडल पर कथित वीडियो शेयर करने के कारण दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 160/91 के तहत नोटिस जारी किया था।
रेड्डी के वकील सौम्या गुप्ता ने मीडिया को बताया कि सोशल साइट पर जो वीडियो शेयर किया गया था, उसका रेड्डी से कोई संबंध नहीं है। गुप्ता ने द्वारका स्थित आईएफएसओ कार्यालय में दिल्ली पुलिस से मुलाकात के बाद कहा कि यह अकाउंट तेलंगाना सीएम के द्वारा संचालित नहीं होता है।
पुलिस सूत्रों के मुातबिक अगर किसी व्यक्ति को सीआरपीसी की धारा 160/91 के तहत नोटिस दिया जाता है, तो वह व्यक्ति या तो आईओ के सामने खुद उपस्थित हो सकता है या अपने कानूनी प्रतिनिधि भेज सकता है।
पुलिस ने इन लोगों को भेजा था नोटिस
बता दें, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के फेक वीडियो मामले में तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी , तेलंगाना कांग्रेस के प्रदेश सचिव शिवा शंकर, पार्टी प्रवक्ता अस्मा तस्लीम, इंटरनेट मीडिया प्रभारी माने सतीश व इंटरनेट मीडिया कन्वेनर नवीन को भी नोटिस जारी किया गया था, जो कि जांच में शामिल होने दिल्ली नहीं आए। इन्हें दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल की आइएफएसओ ने एक मई को जांच में शामिल होने दिल्ली आने को कहा था।
सभी ने 15-15 दिनों की मांगी मोहलत
सभी को द्वारका स्थित आईएफएसओ मुख्यालय में सुबह 10.30 बजे मोबाइल और लैपटॉप के साथ उपस्थित होने को कहा गया था, लेकिन जांच में शामिल होने कोई दिल्ली नहीं पहुंचे। सभी ने 15-15 दिनों की मोहलत मांगी है। इनके अधिवक्ता की ओर से लिखित में समय देने की मांग की गई है, जिसपर दिल्ली पुलिस विचार कर रही है।
पुलिस की आई प्रतिक्रिया
दिल्ली पुलिस का कहना है कि जब तक इनके मोबाइल अथवा लैपटॉप जिनसे इन्होंने एक्स पर पोस्ट किया था उसकी जांच नहीं की जाएगी वीडियो बनाने वाले मुख्य आरोपित के बारे में पता नहीं लग सकेगा