एक साल तक चलेगा अभियान
एक वर्ष तक चलने वाले इस अभियान के तहत लोगों से अपने-अपने घरों में स्वयं से संग्रहित कम से कम 10 बीज की नर्सरी तैयार करने का आह्वान किया गया है। गतिविधि के सदस्यों के अनुसार, अभियान के सफल संचालन के लिए 26 जनवरी तक जिला से लेकर प्रखंड स्तर तक समितियों का गठन कर लिया जाएगा। साथ ही हरित मिलन प्रमुखों एवं उनके सहयोगियों की घोषणा कर ली जाएगी।
बनाई जाएगी तीन-तीन महीने की योजना
इसके बाद पर्यावरण संरक्षण गतिविधि के अलग-अलग कार्य विभाग तीन-तीन माह की योजना बनाकर समाज, संगठन, सरकारी विभाग, धार्मिक संगठन, संस्थाओं, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अनुषांगिक संगठनों आदि को अभियान से जोड़ने और घरों में बीजारोपण के लिए जागरूक करेने में जुटेंगे।
अधिक से अधिक घरों में बीजारोपण का लक्ष्य
लक्ष्य है कि संघ की एक शाखा के अंतर्गत कम से कम 100 घर और एक जिले में 1000 घरों में बीजारोपण हो, ताकि जिस दिन अयोध्या में बन रहे भव्य मंदिर के गर्भगृह में रामलला विराजमान हों उस दिन देश के पौधारोपण के लिए पौधे की कमी नहीं हो।
तीन-तीन माह के लिए बनाई गई योजना
पर्यावरण संरक्षण गतिविधि के चार कार्य विभाग की ओर से तीन-तीन माह की योजना बनाई गई है। जनवरी से मार्च तक नारी शक्ति कार्य विभाग की ओर से घर-घर लोगों से संपर्क कर उनसे घरों में नर्सरी लगाने को कहा जाएगा। उसके बाद अप्रैल से लेकर जून तक धार्मिक कार्य विभाग धार्मिक संस्थानों को इस अभियान से जोड़ने का काम करेगा। मंदिरों के आसपास धार्मिक वाटिका तैयार की जाएगी।
जुलाई से सितंबर तक शिक्षण संस्थान साइकिल यात्रा, जन जागरण यात्रा आदि निकाल कर स्कूलों व शैक्षणिक संस्थानों को इस अभियान से जोड़ेगा, वहीं अंतिम चरण में अक्टूबर से अगले वर्ष जनवरी तक स्वयंसेवी संस्थान राष्ट्रीय कैडेट कोर, राष्ट्रीय सेवा योजना, भारतीय तटरक्षक दल आदि सरकारी संस्थाओं, सेवा भारती, विद्या भारती, वनवासी कल्याण केंद्र, विकास भारती, विहिप, एकल अभियान, हिंदू जागरण मंच, अभाविप आदि संघ के अनुषांगिक संगठनों को जोड़ने का काम करेगा।
जनवरी के पहले सप्ताह तक अभियान की सफलता की रणनीति तय कर ली जाएगी। जिस दिन अयोध्या में राम मंदिर के गर्भगृह में रामलला विराजमान होंगे, पूरा देश आनंदित रहेगा वहीं भगवान राम के नाम पर लोग एक पेड़ लगाएंगे और एक विश्व रिकार्ड बनेगा।