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अरविंद केजरीवाल सरकार को बड़ा झटका, नई आबकारी नीति के खिलाफ एलजी ने की CBI जांच की सिफारिश


नई दिल्ली, । उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने 24 घंटे के भीतर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) को दूसरा झटका दिया है। ताजा मामले में उपराज्यपाल ने दिल्ली सरकार की नई आबकारी नीति को लेकर कड़ा रुख अपना लिया है।

उपराज्यपाल ने अरविंद केजरीवाल सरकार पर आबकारी नीति (Delhi Excise Policy) के नियमों में अनदेखी करने का आरोप लगाया है। इसे लेकर उपराज्यपाल ने सीबीआइ जांच की सिफारिश की है।

समाचार एजेंसी पीटीआई से मिली जानकारी के मुताबिक, एलजी वीके सक्सेना ने दिल्ली सरकार की आबकारी नीति 2021-22 में नियमों के उल्लंघन और प्रक्रियागत खामियों को लेकर सीबीआइ जांच की सिफारिश की है।

बता दें कि दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार पर नई आबकारी नीति के तहत शराब की दुकानों के टेंडर में गड़बड़ी करने का आरोप है। एलजी ने कहा है कि दिल्ली सरकार ने नई आबकारी नीति में नियमों की अनदेखी कर शराब की दुकानों के टेंडर दिए।

सिंगापुर दौरे का प्रस्ताव कर दिया था खारिज

उल्लेखनीय है कि इससे पहले गुरुवार को उपराज्यपाल (एलजी) वीके सक्सेना ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को सिंगापुर जाने की अनुमति नहीं दी। एलजी ने केजरीवाल के सिंगापुर दौरे से संबंधित प्रस्ताव की फाइल को वापस लौटा दिया है।

इसके साथ ही मुख्यमंत्री को आठवीं ‘व‌र्ल्ड सिटी समिट’ और डब्ल्यूसीएस मेयर्स फोरम में शामिल नहीं होने की सलाह दी। उपराज्यपाल ने कहा कि प्रथम दृष्टया यह सम्मेलन मेयरों का है, जहां मुख्यमंत्री की उपस्थिति उचित नहीं है।

सूत्रों के मुताबिक उपराज्यपाल ने सम्मेलन का स्वरूप, उसमें शामिल होने वाले लोगों की प्रोफाइल एवं सम्मेलन को लेकर विचार विमर्श किया। इसमें पाया कि यह सम्मेलन शहरी शासन के विभिन्न पहलुओं पर विचार करने के लिए है। इनसे संबंधित कार्य दिल्ली सरकार के अतिरिक्त विभिन्न नगर निकायों जैसे एनडीएमसी, दिल्ली नगर निगम और डीडीए द्वारा किए जाते हैं।

इसलिए मुख्यमंत्री के लिए इस सम्मेलन में शामिल होना उचित नहीं होगा। डब्ल्यूसीएस स्मार्ट सिटी वर्कशाप का विषय भी, दिल्ली में एनडीएमसी से संबंधित है। ऐसे में इस तरह के सम्मेलन में मुख्यमंत्री का शामिल होना, एक गलत परंपरा की भी शुरुआत होगी। हालांकि उपराज्यपाल की सलाह पर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने असहमति जताई है।