- वयोवृद्ध कश्मीरी अलगाववादी नेता सैयद अली शाह गिलानी का बुधवार देर शाम श्रीनगर में निधन हो गया। वह 92 वर्ष के थे। गिलानी घाटी के सबसे वरिष्ठ अलगाववादी नेता थे जो अपने कट्टर विचारों के लिए जाने जाते थे। पारिवारिक सूत्रों ने बताया कि बुधवार देर शाम श्रीनगर में उनके हैदरपोरा स्थित आवास पर उनका निधन हो गया। 1929 में जन्मे गिलानी जम्मू-कश्मीर विधानसभा के निर्वाचित सदस्य थे, जिन्होंने 1972, 1977 और 1987 में उत्तरी कश्मीर में सोपोर निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया था।
वह जमात-ए-इस्लामी के सदस्य थे और बाद में उन्होंने तहरीक-ए-हुर्रियत नामक अपनी पार्टी की स्थापना की। वह कश्मीर में अलगाववादी दलों के समूह ऑल पार्टी हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष भी थे। गिलानी के निधन के मद्देनजर केंद्र शासित प्रदेश में कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए अधिकारियों द्वारा प्रतिबंध लगाए जाने की संभावना है।
गिलानी के निधन पर पाकिस्तान की प्रक्रिया
बता दें कि कश्मीरी अलगाववादी नेता सैयद अली शाह गिलानी ने निधन पर पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान जहरीले बयान देने से पीछे नहीं हटे। इमरान खान ने भारत पर निशाना साधते हुए गिलानी को ‘पाकिस्तानी’ बताया और देश के झंडे को आधा झुकाने का ऐलान किया। इतना ही नहीं प्रधानमंत्री इमरान ने पाकिस्तान में एक दिन के राष्ट्रीय शोक का भी ऐलान किया है।
इमरान खान ने गिलानी के निधन पर ट्वीट करते हुए कहा कि कश्मीरी नेता सैयद अली शाह गिलानी के निधन की खबर सुनकर बहुत दुखी हूं। गिलानी जीवनभर अपने लोगों और उनके आत्मनिर्णय के अधिकार के लिए लड़ते रहे। इमरान ने कहा कि भारत ने उन्हें कैद करके रखा और प्रताड़ित किया। उन्होंने आगे कहा, ‘हम पाकिस्तान में उनके संघर्ष को सलाम करते हैं और उनके शब्दों को याद करते हैं- हम पाकिस्तानी हैं और पाकिस्तान हमारा है। पाकिस्तान का झंडा आधा झुका रहेगा और हम एक दिन का आधिकारिक शोक मनाएंगे।’