डाॅ पाॅल ने तो यहां तक कहा कि अलग-अलग कंपनी के दो डोज देना भी सुरक्षित और प्रभावकारी है। हम इस तरह के मिक्स और मैच डोज बनाने पर विचार भी कर रहे हैं। डाॅ पाॅल ने यह बातें तब कहीं, जब उनसे यूपी में एक वृद्ध व्यक्ति को कोरोना के दोनों अलग-अलग टीके जाने के मामले पर सवाल पूछा गया था। वैसे इस बार उन्होंने ये नहीं बताया कि अलग-अलग डोज दिये जाने को WHO की अनुमति मिली है या नहीं। वैक्सीन की कमी के आरोपों को लेकर नीति आयोग के सदस्य डॉ वी.के. पॉल (Dr. VK Paul) ने कहा है कि हमें रोजाना 1 करोड़ वैक्सीन का प्रोडक्शन चाहिए, जो अगले कुछ हफ्तों में संभव हो सकता है।
उत्तर प्रदेश में 20 लोगों को अलग-अलग वैक्सीन के डोज देने के बाद निशाने पर आई सरकार ने सफाई दी है। नीति आयोग के सदस्य डाॅ.वी.के पाॅल ने कहा कि वैसे तो हमारा नियम यही है कि किसी भी व्यक्ति को कोरोना वैक्सीन के दोनों डोज एक ही कंपनी के वैक्सीन के दिये जायेंगे। यानी अगर किसी को कोवैक्सीन की पहली डोज पड़ी है तो दूसरी डोज भी उसी की पड़ेगी। लेकिन अगर गलती से किसी व्यक्ति के साथ ऐसा हुआ है कि उसे वैक्सीन के दोनों डोज अलग-अलग कंपनियों के वैक्सीन के दिये गये हैं, तो भी यह चिंता का विषय नहीं है।