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‘आतंकवाद के आरोपियों को सिर्फ डेढ़ साल की सजा’, SC ने पलटा मद्रास हाईकोर्ट का फैसला; PFI के 8 सदस्यों की जमानत रद्द


नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को प्रतिबंधित संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) के सदस्यों को बड़ा झटका दिया है। कोर्ट ने मद्रास हाईकोर्ट के फैसले को पलटते हुए सभी 8 आरोपी सदस्यों की जमानत रद्द कर दी है। इन आठों पर देशभर में आतंकवादी घटनाओं को अंजाम देने की साजिश रचने का आरोप है। मोदी सरकार ने इस संगठन पर प्रतिबंध लगा दिया है।

सुप्रीम कोर्ट ने पलटा मद्रास हाईकोर्ट का फैसला

सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस बेला माधुर्य त्रिवेदी और न्यायमूर्ति पंकज मिथल की खंडपीठ ने कहा कि अपराध की गंभीरता और इस तथ्य को देखते हुए कि अधिकतम साज के तौर पर इन अपराधियों ने जेल में केवल 1.5 वर्ष बिताए। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट, हाईकोर्ट के फैसले में हस्तक्षेप करने के लिए इच्छुक है।  कोर्ट इन आठ अपराधियों की जमानत को रद्द करने का आदेश देती है।

सबूत के अभाव में हाईकोर्ट ने दी थी जमानत

पिछले साल अक्टूबर में मद्रास हाईकोर्ट ने जस्टिस एसएस सुंदर और जस्टिस एसएस  सुंदर की खंडपीठ ने कहा था इन आठों आरोपियों के खिलाफ आतंकवादी गिरोह से जुड़े होने या आतंकी सामग्री की मौजूदगी के सबूत ना होने की वजह से उन्हें जमानत दी जाती है।

मद्रास उच्च न्यायालय ने निर्देश पर ये आठ आरोपी जमानत पर हैं- बरकाथुल्ला, इदरीस, एम.ए. अहमद इदरीस, मोहम्मद अबुथाहिर, खालिद मोहम्मद, सैयद इशाक, खाजा मोहिदीन, यासर अराफात और फैयाज अहमद।