- कोविड-19 को एक ‘साझा समस्या’ और ‘वैश्विक संकट’ करार देते हुए विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा है कि भारत ने पहले दवाइयों और वैक्सीन को भेजकर अन्य देशों के लिए अपनी दोस्ती और समर्थन का हाथ बढ़ाया था और अब अन्य देश कोरोना संक्रमण की बढ़ती रफ्तार के बीच भारत की मदद कर रहे हैं.
विदेश मंत्री ने कहा, ‘कोविड संकट एक साझा समस्या है. अब आप पिछले साल या फिर इस साल को देखे जब दवाईयों की बात आई तो, हमने हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन और पेरासिटामोल अन्य देशों को दिया. हमने अमेरिका को दिया, हमने सिंगापुर को दिया, हमने यूरोपीय देशों को दिया. हमने मेडिकल टीम को कुवैत तक भेजा. हमने कुछ देशों को वैक्सीन भी दीं. अब आप जिसे सहायता कह रहे हैं, हम उसे दोस्ती के लिए की गई मदद कहते हैं.’
‘समस्या की गंभीरता को समझने की जरूरत’
जयशंकर ने कहा, ‘मुझे लगता है कि हमें समस्या की गंभीरता को समझने की जरूरत है, जिसका हम सब आज सामना कर रहे हैं. तो ऐसे में जब आप ये कहते हैं कि ऐसा पहले नहीं हुआ, तो आपको ये भी समझना चाहिए कि कोविड पहले दुनिया में नहीं था. हमने अपने जीवनकाल में ऐसा नहीं देखा है. मैं आपसे उम्र में बड़ा हूं. हमने कभी भी इस तरह का वैश्विक संकट नहीं देखा है. वैश्विक संकट के समय लोगों को साथ आने की जरूरत होती है. तो मुझे लगता है कि इस तरह की मदद, इस तरह की बहस व्यर्थ है. मुझे लगता है कि लोग समस्या से वैचारिक रूप से नहीं जुड़ रहे हैं.’