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आप तो चैंबर में नहीं थे, संजय गांधी क्यों नहीं हैं? जेडीयू ऑफिस में अचानक पहुंचे नीतीश


 पटना। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार शुक्रवार को कुछ अलग ही अंदाज में दिखाई दिए। दरअसल, वह बिना सूचना दिए ही जदयू के कार्यालय पहुंच गए थे।

सुबह साढ़े ग्यारह बजे मुख्यमंत्री नीतीश के कार्यालय में पहुंचते ही खलबली मच गई। इस दौरान उन्होंने सवाल किया कि कार्यालय में कौन है और कौन नहीं? सीएम का सवाल सुनकर कई लोग इधर-उधर देखते नजर आए।

 

आप अपने चैंबर में क्यों नहीं थे?

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जब दफ्तर में पहुंचे तो प्रदेश अध्यक्ष उमेश सिंह कुशवाहा अपने चैंबर में नहीं मिले। लेकिन जब सामना हुआ तो मुख्यमंत्री ने सवाल दाग दिया कि आप कहां थे? चैंबर में तो नहीं थे।

इस पर जदयू प्रदेश अध्यक्ष उमेश सिंह कुशवाहा ने अपने जवाब में कहा कि वह अपने चैंबर में ही बैठे थे। बोले कि आपके आने की खबर सुनी तो गेट पर रिसीव करने आ गए थे। उनके साथ भगवान सिंह कुशवाहा और संतोष कुशवाहा भी मौजूद थे।

मुख्यमंत्री ने पूछा- संजय गांधी क्यों नहीं हैं, फोन लगाइए उनको

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जदयू विधान पार्षद और पार्टी के पदाधिकारी संजय कुमार सिंह उर्फ संजय गांधी के बारे में सवाल किया। उन्होंने पूछा कि संजय गांधी यहां क्यों नहीं हैं?

इस पर जदयू प्रदेश अध्यक्ष कुशवाहा ने उन्हें बताया कि पंद्रह मिनट में आ जाएंगे, अभी घर पर पूजा कर रहे हैं। इस पर उन्होंने संजय गांधी को फोन लगाने को कहा और वीडियो कॉल से स्थिति की पूरी जानकारी ली।

ललन बाबू कहां हैं : नीतीश कुमार

इसके बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह के बारे में भी सवाल कर दिया। उन्होंने अपने ही अंदाज में कहा- ललन बाबू कहां हैं? इसके जवाब में उन्हें बताया गया कि वह बस आ ही रहे होंगे।

हालांकि, मुख्यमंत्री जब जदयू दफ्तर से निकलने के लिए अपनी गाड़ी में बैठ चुके थे तब ललन सिंह वहां पहुंच गए। इसके बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को वह फिर से अपने साथ दफ्तर में ले गए।

नीतीश कुमार ने इस बारे में भी पूछा

मुख्यमंत्री नीतीश ने जदयू प्रदेश अध्यक्ष कुशवाहा से पार्टी दफ्तर में चलने वाले जन सुनवाई कार्यक्रम के बारे में भी जानकारी ली। प्रदेश अध्यक्ष ने उन्हें बताया कि अभी बीपी मंडल की तस्वीर पर माल्यार्पण का कार्यक्रम है।

इसलिए समस्या के साथ आए लोगों को अलग बिठा दिया गया है। मुख्यमंत्री ने तब कहा कि चलिए हम भी माल्यार्पण कर लेते हैं। करीब आधे घंटे तक जदयू दफ्तर में रहने के बाद मुख्यमंत्री वहां से निकले।