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आरबीआई गवर्नर ने लिक्विडिटी और फाइनेंशियल मार्केट को लेकर दी सलाह, कम हो सकती है


 नई दिल्ली। : आज 4 अक्टूबर से 6 अक्टूबर 2023 में हुए मौद्रिक नीति समीक्षा बैठक का फैसला सुनाया गया है। इस बैठक में रेपो रेट को स्थिर रखने का निर्णय लिया गया है। इसके अलावा बैंकिंग सिस्टम को मजबूत करने और महंगाई को नियंत्रित करने जैसे कई मुद्दों पर फैसला लिया गया है। भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने देश की अर्थव्यवस्था के सामने खड़ी चुनौती के बारे में भी आज बताया।

आप सभी जानते हैं कि देश में विश्व कप (World Cup) का माहौल बना हुआ है। इस पर ध्यान देते हुए उन्होंने कहा कि यह देश के लिए एक टर्निंग मूमेंट है। ऐसे में हमें काफी सावधान रहने की आवश्यकता है। यहां गवर्नर खाद्य महंगाई और लिक्विडिटी से जुड़े मुद्दों के बारे में कह रहे हैं। उनका कहना है कि अगर इसको लेकर कोई कदम नहीं उठाया गया तो इसका असर देश की अर्थव्यवस्था पर पड़ेगा। इसके अलावा बैंकिंग सिस्टम पर भी इसका प्रभाव पड़ सकता है। आइए, जानते हैं कि खाद्य महंगाई और लिक्विडिटी पर गवर्नर ने क्या कहा?

खाद्य महंगाई और लिक्विडिटी

शक्तिकांत दास ने आज अपने संबोधन में कहा कि जरूरत से ज्यादा नकदी कीमत वित्तीय स्थिरता के लिए खतरा बन सकती है। इसे कंट्रोल करने के लिए इंक्रीमेंट सीआरआर लागू किया गया। वर्तमान में  फाइनेंशियल मार्केट में स्थिरता बनी हुई है। आपको बता दें कि 7 अक्टूबर 2023 को ईसीआरआर खत्म हो जाएगी और इससे नकदी रिलीज शुरू होगी।

एक तरफ फेस्टिव सीजन की वजह से डिमांड बढ़ रही है तो दूसरी तरफ सरकार के वित्तीय खर्चे भी बढ़ रहे हैं। ऐसे में बैंकों को लिक्विडिटी के प्रबंधन के बारे में सोच लेना चाहिए। बैंकों को सरप्लस नकदी के लिए अच्छे रिटर्न पर इन्वेस्ट करना होगा।

महंगाई दर

महंगाई दर को लेकर आरबीआई गवर्नर ने कहा कि सितंबर में महंगाई दर कम हो सकती है। वहीं तीसरी तिमाही में यह 5.2 फीसदी रह सकती है। कच्चे तेल की कीमत और दुनिया भर में महंगाई की वजह से अनिश्चितता बनी हुई है।