नई दिल्ली। : इजरायल-हमास युद्ध के बीच देश के कई राज्यों में नौकरियों की होड़ लगी है। उत्तर प्रदेश और हरियाणा समेत कई राज्यों में श्रमिकों द्वारा आवेदन किए जा रहे हैं। ये नौकरियां देश में नहीं बल्कि युद्धक्षेत्र इजरायल में निकली हैं। ऐसे में सवाल उठता है कि इजरायल क्यों भारतीयों को नौकरी देना चाहता है और भारतीयों में युद्धक्षेत्र में क्यों नौकरी करने की होड़ लगी है।
इजरायल ने क्यों मांगे श्रमिक?
- इजरायल-हमास युद्ध के बीच इजरायली सरकार ने भारत से एक लाख श्रमिकों को भेजने की मांग की है।
- 7 अक्टूबर को इजरायल पर हमास द्वारा किए गए हमले के बाद से उन्हें श्रमिकों की कमी का सामना करना पड़ रहा है।
- भारत से मजदूरों के चयन के लिए 15 सदस्यीय इजरायली टीम इस प्रक्रिया की देखरेख कर रही है।
- भारत से राजमिस्त्री, बढ़ई और अन्य निर्माण के कुशल श्रमिकों को इजरायल भेजा जाएगा।
- इससे पहले इजरायल में फलस्तीनी श्रमिक ही काम करते थे, लेकिन युद्ध के कारण उनका परमिट रद्द कर दिया गया है।
- साथ ही गाजा से लगी सीमाओं को भी फलस्तीनियों के लिए बंद किया गया है। इसके चलते इजरायल में श्रमिकों की बड़ी समस्या हो रही है।
इन राज्यों से हो रहा श्रमिकों का चयन
इजरायल भेजने के लिए उत्तर प्रदेश और हरियाणा से श्रमिकों का चयन किया जा रहा है। उत्तर प्रदेश और हरियाणा सरकार ने श्रमिकों के लिए एक विज्ञापन भी दिया है। ये मजदूर इजरायल में कंस्ट्रक्शन के काम में जुटेंगे।
यूपी के श्रम मंत्री अनिल राजभर ने इजरायल जाने वाले मजदूरों के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश सरकार ने अगले महीने इजरायल भेजने के लिए 16,000 श्रमिक की एक सूची को अंतिम रूप दे दिया है। जल्द ही मजदूरों को इजरायल भेजा जाएगा।
कितनी मिलेगी सैलरी?
भारत से इजरायल जाने वाले मजदूरों को कॉन्ट्रैक्ट पर भेजा जाएगा। ये कॉन्ट्रैक्ट एक साल से अधिक समय तक का हो सकता है। समाचार एजेंसी एपी के मुताबिक, इजरायल जाने वाले श्रमिकों को लगभग 1600 डॉलर प्रति माह मिलेंगे। जो भारतीय रुपये में करीब एक लाख 32 हजार होते हैं। मीडिया रिपोर्ट में यह भी बताया जा रहा है कि इन श्रमिकों के लिए इजरायल में रहने और खाने की निशुल्क व्यवस्था होगी।
भारत-इजरायल के बीच हुआ था ये समझौता
- भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता के अनुसार, युद्ध शुरू होने से पहले पिछले साल इजरायल और भारत के बीच एक समझौते पर हस्ताक्षर किए गए थे।
- इसके तहत 40,000 भारतीयों को इजरायल में निर्माण और नर्सिंग के क्षेत्र में काम करने की अनुमति मिलेगी।
- भारत के विदेश मंत्रालय के 2022 के आंकड़ों के अनुसार, इजरायल में लगभग 13,000 भारतीय कामगार हैं।
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