नई दिल्ली : जम्मू कश्मीर में सुरक्षा बलों ने एक बार फिर एम4 राइफल बरामद की गई है, जिसने यहां आतंकवादी गतिविधियों को बढ़ावा देने के मामले में एक बार फिर पाकिस्तान की पोल खोलकर रख दी है। शनिवार को एक मुठभेड़ के बाद सुरक्षा बलों ने एक आतंकी के पास से AK-47 और दूसरे के पास से M4 राइफल बरामद की। कश्मीर के IGP विजय कुमार के अनुसार, यह इस साल कश्मीर में M4 राइफल की दूसरी बरामदगी है। यूं तो संख्या के लिहाज से यह बहुत अहम नहीं जान पड़ती है, लेकिन यह हथियार कश्मीर में आतंकवाद को बढ़ावा देने को लेकर एक बार फिर पाकिस्तान की पोल खोलता है।
एम4 राइफल का इस्तेमाल खास तौर पर अमेरिकी सेना और अमेरिकी मरीन कॉर्प्स करते रहे हैं। अमेरिकी सेना में लंबे समय तक M16A2 राइफल का राज रहा। अमेरिकी सेना ने इसका इस्तेमाल वियनाम युद्ध में भी किया था, लेकिन इसके बड़े आकार की वजह से लड़ाई में इस्तेमाल के लिहाज से इसे असहज माना गया और इसक छोटा व हल्का वर्जन तैयार किया गया, जो M4 कार्बाइन के रूप में सामने आया। अमेरिकी सेना में इसकी एंट्री 1990 के दशक में हुई, जब अमेरिका इराक के युद्ध में उलझा था। अमेरिकी सैनिकों को कई बार वहां छोटी-छोटी जगहों पर भी लड़ाई लड़नी पड़ती थी और ऐसे में सैनिकों को यह खूब पसंद आई।
आत्मरक्षा के लिए अमेरिका ने दिया था पाकिस्तान को
छोटे व हल्के आकार की वजह से यह जल्द ही अमेरिकी सैनिकों की पसंदीदा राइफल बन गई, जबकि पाकिस्तान सहित अन्य देशों में भी इसकी मांग बढ़ी। पाकिस्तान ने यह राइफल अमेरिका से आत्मरक्षा के नाम पर ली थी। आतंकियों से जंग में पाकिस्तान सेना को मदद के तौर पर अमेरिका ने एक समझौते के तहत पाकिस्तान को एम4 राइफल दी। लेकिन पाकिस्तान की सेना इसके लिए अमेरिका से हुए समझौते का सरासर उल्लंघन करते हुए इसे कश्मीर में आतंकियों के पास पहुंचा रही है। कश्मीर में आतंकियों को हथियारों की आपूर्ति के लिए पाकिस्तान ड्रोन की मदद ले रहा है तो भूमिगत सुरंगों का भी इस्तेमाल हो रहा है।
बीते कुछ समय में भारतीय सुरक्षा बलों ने ऐसे कई ड्रोन्स को हवा में ही मार गिराया है और नियंत्रण रेखा से सटे इलाकों में कई सुरंगों का भी पता लगाया है। कश्मीर में एम4 राइफल की यह कोई पहली बरामदगी नहीं है। सबसे पहले सितंबर 2017 में आतंकियों के पास से यह राइफल बरामद की गई थी। उस समय में सुरक्षा बलों ने जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर के भतीजे ताल्हा राशिद को एनकाउंटर में मार गिराया था, जब सुरक्षा बलों ने उसके पास से यह राइफल बरामद की थी। इस राइफल के गैर-कानूनी तरीके से निर्माण बात भी सामने आई है। जम्मू कश्मीर पुलिस ने बीते सप्ताह ही दावा किया था कि इस अमेरिकी असॉल्ट राइफल का अवैध निर्माण पाकिस्तान या अफगानिस्तान में किया जा रहा है। पुलिस के मुताबिक, साल 2020 में यहां 475 M4 राइफल बरामद की गई थी।